मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने प्रतिबंधित दवा के उपयोग को रोकने और लोगों की पहचान करने के लिए दवा दुकान संचालकों के साथ बैठक की। बोले-बिना डॉक्टर के पर्चे के दवा न दें, नशे के खिलाफ अभियान में मेडिकल-स्टोर संचालक करेंगे सहयोग। नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों को नशा मुक्ति केन्द्र में कराये भर्ती।


सूरजपुर। पुलिस नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही हैं। नशा की सामग्री न मिलने पर नशे के आदि लोग मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाओं सहित अन्य सामग्री का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं। आज डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सभी मेडिकल संचालकों के साथ जिला पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक कर नशे के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में उनकी सहभागिता पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।
             बैठक में डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने कहा कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों को समझने की जरूरत है, हमें प्रयास करना चाहिए कि आज का युवा नशे का आदि न हो। मेडिकल स्टोर संचालकों को नशे पर लगाम लगाने के लिए अभियान में सहयोग की अपील करते हुए कहा की अगर मेडिकल स्टोर पर कोई व्यक्ति नशे से संबंधित दवा खरीदने आता है और संदिग्ध प्रतीत होता है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। जिससे ऐसे व्यक्ति पर सख्त से सख्त वैधानिक कार्रवाई की जा सके। कुछ नशेड़ी सिरिंज का इस्तेमाल नशा करने में करते हैं। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को इस पर ध्यान देना आवश्यक हैं। ऐसे किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रुप से इंजेक्शन और सीरिंज न दें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पर्चे के बगैर प्रतिबंधित दवाओं को न दें। साथ ही मेडिकल स्टोर पर बाहर की तरफ जहां ग्राहक खड़े होते हैं सीसीटीवी कैमरे अवश्य लगाएं। जिससे नशेड़ी लोगों की पहचान कर नशे पर रोक लगाई जा सके। गौरतलब है कि गुरूवार, 03 अक्टूबर को सभी मेडिकल स्टोर संचालकों के द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहयोग करने और पुलिस की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए नशा करने वाले लोगों को प्रतिबंधित दबाएं और इंजेक्शन, सिरिंज नहीं देने का आश्वासन दिया।
          एडिशनल एसपी संतोष महतो ने बताया कि प्रतिबंध दवा देने के लिए जो नियम बने हैं, उनका हर हाल में पालन किया जाए। साथ ही बार-बार इस तरह की दवा खरीदने वालों को चिह्नित भी किया जाए। इस दौरान डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, निरीक्षक जावेद मियादाद, स्टेनो अखिलेश सिंह, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. अजय मरकाम, समाज कल्याण विभाग के संचालक बेनेडिक तिर्की, ड्रग इंस्पेक्टर जयप्रकाश शर्मा, अमरेश तिर्की, डीसीडीए अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, नशा मुक्ति केन्द्र संचालक सुरेन्द्र साहू, मेडिकल स्टोर संचालक राजेश गोयल, दीपक मित्तल, नितिन गुप्ता, सतीश पाल, राजेश्वर गुप्ता, दीपेन्द्र पाल, विनोद कुमार, दुर्गेश राजवाड़े, रामनिवास साहू, अनुराग सिंहदेव, संजय, राकेश प्रजजापति, राजेश ठाकुर, प्रदीप जायसवाल, अमित सिंह, डॉ. कृष्णा साहू, राकेश प्रजापति व दीपक रवि मौजूद रहे।

नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों को नशा मुक्ति केन्द्र में कराये भर्ती। 
        बैठक में डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने नशा मुक्ति केन्द्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों का निःशुल्क उपचार नशा मुक्ति केन्द्र सूरजपुर में किया जा रहा है जिसका संचालन प्रशासन कर रहा है। नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों की सूचना नशा मुक्ति केन्द्र संचालक अथवा पुलिस को दे ताकि उनके परिजन की सहमति से उनका उपचार कराया जा सके जिससे वह स्वस्थ्य होकर समाज की मुख्य धारा में वापस लौट सके।

प्रधान आरक्षक वीरसाय लकड़ा हुए सेवानिवृत्त, डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने किया सम्मानित, 40 वर्ष 7 माह तक पुलिस विभाग में दी अपनी सेवाएं।

सूरजपुर। पुलिस विभाग में लगातार 40 वर्ष 7 माह तक सेवा देकर 30 सितम्बर 2024 को सेवा निवृत्त हुये सूरजपुर जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक वीरसाय लकड़ा के सेवानिवृत्ति पर विदाई सम्मान समारोह का आयोजन जिला पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। जहां डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने प्रधान आरक्षक को साल-श्रीफल एवं उपहार भेंट कर सम्मानित किया।
            इस दौरान डीआईजी व एसएसपी श्री एम.आर.आहिरे ने सेवानिवृत्ति के बाद के नए जीवन के पड़ाव की शुभकामनाएं प्रधान आरक्षक को देते हुए कहा कि दिनांक 01/02/1984 से विभाग की सेवा में आए, विभाग में बेहद अच्छा कार्य करते हुए अधिनस्थों को अनुशासन में रहकर कैसे कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा से निर्वहन करें यह बताया। कभी भी आदेश-निर्देश की अवहेलना नहीं किया। सेवानिवृत्त हो रहे प्रधान आरक्षक के स्वस्थ्य, सुखमय पारिवारिक जीवन जीने, दीर्घायु होने की बधाई दी। सेवानिवृत्त हुए प्रधान आरक्षक ने भी अपने सेवा के अनुभवों के बारे में बताया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, रक्षित निरीक्षक अशोक गिरी सहित जिला पुलिस कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारीगण मौजूद रहे।

लोन की राशि 5,29,272 रूपये गबन करने वाले ब्रांच मैनेजर को थाना प्रतापपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। दिनांक 16.03.2024 को देवेन्द्र यादव निवासी ग्राम लौदा, थाना अलीनगर, जिला चंदौली उत्तरप्रदेश वर्तमान निवासी अम्बिकापुर ने थाना प्रतापपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि प्रयत्न माइक्रो फायनेंस लिमिटेड ब्रांच प्रतापपुर का ब्रांच मैनेजर अरमान अहमद के विरूद्ध लिखित आवेदन पेश किया कि शाखा कलेक्शन एवं हितग्राहियों से लिए लोन की राशि 5,29,272 रूपये को कंपनी के खाता में जमा ना कर पूरी राशि लेकर ब्रांच छोड़कर चला गया है। प्रार्थी के रिपोर्ट पर आरोपी अरमान अहमद के विरूद्ध अपराध क्रमांक 84/24 धारा 409 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
             मामले की सूचना मिलते ही डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी प्रतापपुर अरूण नेताम के मार्गदर्शन में थाना प्रतापपुर पुलिस के द्वारा आरोपी की लगातार पतासाजी की गई। इसी बीच नई तकनीक की मदद से आरोपी के बिहार में रहने की पुष्टि होने पर विधिवत् पुलिस टीम बिहार गई और वहां से दबिश देकर आरोपी अरमान अहमद पिता स्व. असगर अहमद उम्र 38 वर्ष ग्राम सुकृत उत्तरप्रदेश को पकड़ी। पूछताछ पर आरोपी ने जुर्म स्वीकार किया जिसके निशानदेही पर गबन किए गए राशि में से 20 हजार रूपये व एक मोबाईल जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे, एएसआई हरिशंकर तिवारी, प्रधान आरक्षक रजनीश त्रिपाठी, आरक्षक इन्द्रजीत सिंह, राजेश तिवारी, रौशन सिंह व युवराज यादव सक्रिय रहे।

पत्नी की हत्या करने वाले हत्यारे पति को थाना प्रतापपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। दिनांक 19/09/24 को ग्राम करौटी चौकी चेन्द्रा निवासी बुधनाथ कंवर ने थाना प्रतापपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी लड़की बबीता का शादी ग्राम सिलफिली निवासी सहजू पैंकरा के साथ हुआ था, 16 सितम्बर 2024 को सुबह दामाद सहजू का छोटा भाई फोन कर बताया कि बबीता के साथ सहजू मारपीट किया है जिस कारण बबीता के सिर में चोट लगा है जिसे उपचार के लिए प्रतापपुर अस्पताल ले गए है। सूचना पाकर यह अस्पताल पहुंचा तो वहां लड़की बेहोश पड़ी थी जिसे रेफर करने पर अम्बिकापुर गए जहां से दिनांक 18/09/24 को रायपुर एम्बुलेंश से ले जा रहे थे जो रास्ते में बिलासपुर में लड़की की मृत्यु हो गई। लड़की बबीता की मृत्यु दामाद सहजू के द्वारा मारपीट करने से हुई है। सूचना पर मर्ग कायम कायमी उपरान्त अपराध क्रमांक 254/24 धारा 103(1) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
         मामले की सूचना मिलते ही डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी प्रतापपुर अरूण नेताम के मार्गदर्शन में थाना प्रतापपुर पुलिस के द्वारा दबिश देकर आरोपी सहजू पैंकरा पिता सोबरन पैंकरा उम्र 40 वर्ष ग्राम सिलफिली, थाना प्रतापपुर को पकड़ा। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि पत्नी के चरित्र शंका को लेकर लकड़ी के फारी से मारपीट कर घटना को अंजाम देना बताया। आरोपी के निशानदेही पर धटना में प्रयुक्त लकड़ी का फारी जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे, एएसआई हीरालाल साहू, प्रधान आरक्षक राहुल गुप्ता, विनोद परीडा, भूपेन्द्र पोर्ते, आरक्षक हरिशचंद दास व जयप्रकाश पन्ना सक्रिय रहे।

हत्यारे भाई व भाभी को चौकी बसदेई पुलिस ने किया गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। ग्राम शिवप्रसादनगर निवासी गंगा सिंह पिता हिन्दुलाल ने चौकी बसदेई में सूचना दिया कि दिनांक 27.08.24 को मृतक इन्द्रपाल सिंह का बड़ा भाई जवाहिर व उसकी भाभी धनेश्वरी दोनों मिलकर घरेलू आपसी विवाद की बात पर इन्द्रपाल को मारपीट करने से गंभीर अवस्था में घायल होकर बेहोश हो गया मृतक के पिता गांव के आटो रिक्शा को बुलवाकर अस्पताल ले जाने का प्रयास किये किन्तु आरोपी के द्वारा आटो वाले को ले जाने से मना कर वहां से भगा दिया। ईलाज हेतु वाहन नहीं मिलने से मृतक के पिता अपने नाती के मोटर सायकल में सूरजपुर भेजा था कि उमेशपुर नर्सरी के पास मोटर सायकल का सन्तुलन बिगड़ने से मोटर सायकल सहित गिर गए जिससे मृतक के सिर के पीछे तरफ चोट लगा था जिसे एम्बुलेंस से जिला अस्पताल सूरजपुर ले गए थे जहां डॉक्टर के द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर चौकी बसदेई पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच किया। पीएम कर्ता डॉक्टर से मृत्यु का स्पष्ट कारण जानने हेतु अभिमत लिया गया जिसमें डॉक्टर के द्वारा मोटर सायकल से गिरने से आई चोट के कारण मृत्यु नहीं होना लेख करते हुए मृतक की मृत्यु मारपीट के दौरान उसके शरीर में आई गम्भीर चोट तथा ईलाज नहीं होने के कारण होना लेख किए जाने पर आरोपी जवाहिर व धनेश्वरी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 516/24 धारा 103, 3(5) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। घटना के बाद से ही दोनों आरोपी फरार थे।
              मामले की सूचना पर डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने फरार आरोपियों को जल्द पकड़ने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में चौकी बसदेई की पुलिस विवेचना करते हुए आरोपी की पतासाजी में लगी थी इसी बीच प्राप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर आरोपी जवाहिर सिंह उर्फ जवाहीर लाल पिता हिन्दुलाल उम्र 30 वर्ष ग्राम शिवप्रसादनगर व धनेश्वरी पति जवाहिर उम्र 24 वर्ष ग्राम शिवप्रसादनगर को पकड़ा गया। पूछताछ पर दोनों ने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया जो दोनों आरोपियों को विधिवत् गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी बसदेई विजय सिंह, एएसआई संजय सिंह, प्रधान आरक्षक आनंद सिंह, आरक्षक देवदत्त दुबे, अमित सिंह व महिला आरक्षक सुषा मिंज सक्रिय रहे।

भारी मात्रा में नशीली दवाईयों के साथ 1 व्यक्ति गिरफ्तार, थाना सूरजपुर पुलिस की कार्यवाही।

सूरजपुर। डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को नशे के विरूद्ध जीरो टारलेस की नीति अपनाते हुए सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। इसी तारतम्य में दिनांक 10-11/09/2024 के दरम्यिानी रात्रि में थाना सूरजपुर पुलिस को मुखबीर से सूचना मिला कि एक काले रंग के महिन्द्रा एसयूव्ही 500 क्रमांक एमएच 46 डब्लू 4081 में अवैध रूप से मादक पदार्थ होने की सूचना पर रेड कार्यवाही कर महिन्द्रा एसयूव्ही वाहन सहित मोहम्मद शाहिद पिता मोहम्मद तबारत उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम शिवपुर, थाना रामानुजनगर को पकड़ा गया जिसके कब्जे से ओनरेक्स कफ सिरप 30 नग, स्पास्मो टेबलेट 144 नग एवं एविल इंजेक्शन 500 नग पाया गया जिसे जप्त किया गया है जिसकी बाजारू कीमत करीब 2 लाख 80 हजार रूपये है। मामले में नशीली इंजेक्शन व परिवहन में प्रयुक्त महिन्द्रा एसयूव्ही 500 जप्त कर धारा 21(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एसआई विवेक खलखो, मनोज सिंह, प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र सिंह, आरक्षक संदीप शर्मा, प्रेमसागर साहू व रवि पाण्डेय सक्रिय रहे।

वरिष्ठ आरक्षकों की थाना में तैनाती से लंबित मामले के निकाल का बढ़ेगा प्रतिशत, लंबित मामलों में आयेगी कमी-डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर। पुलिस समाज का विजिबल हिस्सा है, भीड़ में भी अकेला पुलिस का जवान आता है नजर।

 

सूरजपुर। पुलिस फोर्स के पास लोगों की सुरक्षा, अपराध नियंत्रण एवं आपराधिक मामलों की विवेचना करने सहित बहुत सी जिम्मेदारियां है लेकिन इसके बावजूद भी जब कोई पीड़ित व्यक्ति पुलिस के पास आए तो उसे आदर सम्मान के साथ बैठाकर संवेदनशीलता के साथ उसकी समस्या को सुने और कार्यवाही करते हुए उसे संतुष्ट कर थाना से वापस भेजे, उक्त बाते सोमवार, 05 सितम्बर 2024 को वरिष्ठ आरक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने कही।
               डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर ने कहा कि अभी तक अपराध की विवेचना का अधिकार प्रधान आरक्षकों से ऊपर रेंक वाले अधिकारी को ही था किन्तु छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के बाद अब छोटे-छोटे मामलों की विवेचना वरिष्ठ आरक्षकगण कर सकेंगे। पुलिस विभाग में आरक्षकों का संख्याबल सबसे अधिक है ऐसे में वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया जाना महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। 4 सितम्बर 24 से प्रांरभ हुए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 450 वरिष्ठ आरक्षकों को विभिन्न धाराओं, विषयों को लेकर प्रशिक्षित किया गया है, आगामी दिनों में वरिष्ठ आरक्षकगण मामले की विवेचना करते दिखाई देंगे। उन्होंने ट्रेनिंग के औचित्य के बारे में बताते हुए कहा कि विभाग में ट्रेनिंग का बहुत महत्व है इससे कार्य करने में सुगमता आती है, विभाग टीम वर्क से चलता है, कार्य में गोपनीयता को बेहतर रूप से बरकरार रखे।
             समापन अवसर पर डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे ने विशेष रूप से कहा कि आप सदैव अच्छा काम करते रहे मैं सदा आपके साथ खड़ा मिलूंगा। उन्होंने कहा कि पुलिस समाज का विजिबल हिस्सा है, भीड़ में अकेला पुलिस का जवान ही क्यों न ड्यूटी कर रहा हो वह सभी की नजरों में आ जाता है इसलिए समाज व लोगों की सुरक्षा, उनकी समस्या के निराकरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती है। नशा परिवार को बिखेर देता है, घर की सुख-शांती को भंग कर देता है, हमें नशे के कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए उसे जड़ से खत्म करना है इसके लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाए, पुलिस के नेटवर्क से नशे धंधे में लिप्त छोटे-बड़े सभी लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कराए और संकट के समय आमजनता का सहारा बने, उनके समस्या-शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए और अच्छी पुलिसिंग करने को लेकर कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस.पैंकरा, डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर, एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी, डीएसपी रितेश चौधरी, एसआई मनोज सिंह व प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवान मौजूद रहे।

माननीय एडीजे बोले- एनडीपीएस की कार्रवाई में बरते पूर्ण सतर्कता, न करें छोटी सी भी चूक।

सूरजपुर। बुधवार, 05 सितम्बर 2024 को जिला पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में माननीय अपर सत्र न्यायाधीश सूरजपुर श्री सुनील कुमार नंदे ने डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) की मौजूदगी में थाना-चौकी प्रभारियों को विधि की जानकारी सहित एनडीपीएस एक्ट के विवेचना से जुड़े प्रावधानों के प्रत्येक बिन्दुओं पर गहनता से प्रकाश डाला।
              बैठक में माननीय एडीजे सूरजपुर श्री सुनील कुमार नंदे ने थाना-चौकी प्रभारियों को एनडीपीएस एक्ट की प्रारंभ से लेकर अंतिम दौर तक किए जाने वाले विवेचना की बारीकीयों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विवेचना के दौरान प्रावधानों का पूर्णतः पालन नहीं करने और सर्वोत्तम साक्ष्य संकलन के अभाव में आरोपित बरी हो जाते है। एनडीपीएस एक्ट की तकनीकी पहलुओं पर मामला दर्ज करने वाले व प्रकरण में कार्यवाही करने वाले पुलिस के अधिकारी, जब्ती अधिकारी और रेड पार्टी के सदस्यों को कानून की बारीकियों की जानकारी होनी चाहिए, पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से प्रकरण की जांच कमजोर होती है और न्यायालय में आरोप साबित करना कठिन हो जाता है। बैठक में डीपीओ मनोज चतुर्वेदी ने भी विवेचना के जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस.पैंकरा, डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर, एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी, एसडीओपी प्रतापपुर अरूण नेताम, डीएसपी अजाक पी.डी.कुजूर, जिले के थाना-चौकी प्रभारी, जिला पुलिस कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

सूरजपुर जिले में वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार देने के पूर्व प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन। पुलिस की यह पहल निकाल में दिशा में तेजी लाएगी और कानून व्यवस्था मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा- डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर।

 

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसे वरिष्ठ आरक्षकों जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्रदान किया गया है, भारतीय न्याय संहिता 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत उल्लेखित अपराधों का अन्वेषण करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। इस अधिसूचना में विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 के अंतर्गत आने वाले अपराध शामिल हैं।
                अधिसूचना के परिपालन में डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) के द्वारा जिले के क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्राप्त वरिष्ठ आरक्षकों के लिए अन्वेषण का दायित्व सौंपने से पूर्व सम्पूर्ण जिले के लिए चरणवार 100-100 के मान से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला दिनांक 04 सितम्बर 2024 से 09.09.2024 तक पुलिस लाईन के सामुदायिक भवन में जारी है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण कार्यों के संबंध में आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना था, जिससे वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक प्रभावी और विधिसम्मत तरीके से कर सकें। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ आरक्षकों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत अपराधों के अन्वेषण की प्रक्रिया और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया।
                शनिवार, 7 सिम्बर 2024 को कार्यशाला का जायजा लेने डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे प्रशिक्षण केन्द्र पहुंच और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों को कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे आरक्षकों को नवीन कानूनों के तहत विवेचना करने के अधिकार प्रदाय करने से पूर्व उनको दक्ष करना है। यह पहल ना केवल हमारी पुलिस बल की दक्षता को बढ़ाएगी बल्कि न्याय प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावकारी बनाएगी तथा लंबित मामलों को भी कम करेगी। इस प्रशिक्षण से आरक्षकों में व्यावहारिक दृष्टिकोण से विवेचना करने की क्षमता भी विकसित होगी। आगे उन्होंने कहा कि विवेचना की शक्ति बहुत बड़ी शक्ति है, यह शक्ति मिलने पर आप सबकी जवाबदारी भी बड़ी हो जाती है। विवेचना के बिंदुओं को समझना आप सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है। विवेचना के हर कालम का अपना एक अलग महत्व है। नए कानून में गवाहों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण की बातों को सीखने, उनका अनुपालन करने तथा ईमानदारी एवं तत्परता पूर्वक कार्य करते हुए वर्तमान समय के अनुसार खुद को अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस की यह पहल कानून व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पुलिस के आठ अधिकारी दे रहे प्रशिक्षण।
               अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण कार्यशाला में एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर ने वरिष्ठ आरक्षकों को अध्याय 5, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध शामिल हैं, डीएसपी रितेश चौधरी ने अध्याय 14, जिसमें मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है पर विस्तृत जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया। इन मामलों में संवेदनशीलता और प्रभावी अन्वेषण की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया गया। नगर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर एस.एस.पैंकरा ने अध्याय 13, जिसमें लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के विषय में अपराधों का उल्लेख कर प्रशिक्षित किया। एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी ने अध्याय 6 मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों, साईबर सेल प्रभारी नीलाम्बर मिश्रा ने अध्याय 11 लोक प्रशांति के विरूद्ध अपराधों, थाना प्रभारी झिलमिली नसीमुद्दीन खान ने अध्याय 12, जिसमें लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराध शामिल हैं, यातायात प्रभारी फर्दीनंद कुजूर ने अध्याय 15, जिसमें लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों तथा रीडर मनोज सिंह ने अध्याय 17, जिसमें संपत्ति के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है करते हुए बारीकी से प्रशिक्षण प्रदान किया।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।