मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

हत्यारे भाई व भाभी को चौकी बसदेई पुलिस ने किया गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। ग्राम शिवप्रसादनगर निवासी गंगा सिंह पिता हिन्दुलाल ने चौकी बसदेई में सूचना दिया कि दिनांक 27.08.24 को मृतक इन्द्रपाल सिंह का बड़ा भाई जवाहिर व उसकी भाभी धनेश्वरी दोनों मिलकर घरेलू आपसी विवाद की बात पर इन्द्रपाल को मारपीट करने से गंभीर अवस्था में घायल होकर बेहोश हो गया मृतक के पिता गांव के आटो रिक्शा को बुलवाकर अस्पताल ले जाने का प्रयास किये किन्तु आरोपी के द्वारा आटो वाले को ले जाने से मना कर वहां से भगा दिया। ईलाज हेतु वाहन नहीं मिलने से मृतक के पिता अपने नाती के मोटर सायकल में सूरजपुर भेजा था कि उमेशपुर नर्सरी के पास मोटर सायकल का सन्तुलन बिगड़ने से मोटर सायकल सहित गिर गए जिससे मृतक के सिर के पीछे तरफ चोट लगा था जिसे एम्बुलेंस से जिला अस्पताल सूरजपुर ले गए थे जहां डॉक्टर के द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर चौकी बसदेई पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच किया। पीएम कर्ता डॉक्टर से मृत्यु का स्पष्ट कारण जानने हेतु अभिमत लिया गया जिसमें डॉक्टर के द्वारा मोटर सायकल से गिरने से आई चोट के कारण मृत्यु नहीं होना लेख करते हुए मृतक की मृत्यु मारपीट के दौरान उसके शरीर में आई गम्भीर चोट तथा ईलाज नहीं होने के कारण होना लेख किए जाने पर आरोपी जवाहिर व धनेश्वरी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 516/24 धारा 103, 3(5) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। घटना के बाद से ही दोनों आरोपी फरार थे।
              मामले की सूचना पर डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने फरार आरोपियों को जल्द पकड़ने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में चौकी बसदेई की पुलिस विवेचना करते हुए आरोपी की पतासाजी में लगी थी इसी बीच प्राप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर आरोपी जवाहिर सिंह उर्फ जवाहीर लाल पिता हिन्दुलाल उम्र 30 वर्ष ग्राम शिवप्रसादनगर व धनेश्वरी पति जवाहिर उम्र 24 वर्ष ग्राम शिवप्रसादनगर को पकड़ा गया। पूछताछ पर दोनों ने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया जो दोनों आरोपियों को विधिवत् गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी बसदेई विजय सिंह, एएसआई संजय सिंह, प्रधान आरक्षक आनंद सिंह, आरक्षक देवदत्त दुबे, अमित सिंह व महिला आरक्षक सुषा मिंज सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।