मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने प्रतिबंधित दवा के उपयोग को रोकने और लोगों की पहचान करने के लिए दवा दुकान संचालकों के साथ बैठक की। बोले-बिना डॉक्टर के पर्चे के दवा न दें, नशे के खिलाफ अभियान में मेडिकल-स्टोर संचालक करेंगे सहयोग। नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों को नशा मुक्ति केन्द्र में कराये भर्ती।


सूरजपुर। पुलिस नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही हैं। नशा की सामग्री न मिलने पर नशे के आदि लोग मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाओं सहित अन्य सामग्री का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं। आज डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भापुसे) ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सभी मेडिकल संचालकों के साथ जिला पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक कर नशे के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में उनकी सहभागिता पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।
             बैठक में डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने कहा कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों को समझने की जरूरत है, हमें प्रयास करना चाहिए कि आज का युवा नशे का आदि न हो। मेडिकल स्टोर संचालकों को नशे पर लगाम लगाने के लिए अभियान में सहयोग की अपील करते हुए कहा की अगर मेडिकल स्टोर पर कोई व्यक्ति नशे से संबंधित दवा खरीदने आता है और संदिग्ध प्रतीत होता है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। जिससे ऐसे व्यक्ति पर सख्त से सख्त वैधानिक कार्रवाई की जा सके। कुछ नशेड़ी सिरिंज का इस्तेमाल नशा करने में करते हैं। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को इस पर ध्यान देना आवश्यक हैं। ऐसे किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रुप से इंजेक्शन और सीरिंज न दें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पर्चे के बगैर प्रतिबंधित दवाओं को न दें। साथ ही मेडिकल स्टोर पर बाहर की तरफ जहां ग्राहक खड़े होते हैं सीसीटीवी कैमरे अवश्य लगाएं। जिससे नशेड़ी लोगों की पहचान कर नशे पर रोक लगाई जा सके। गौरतलब है कि गुरूवार, 03 अक्टूबर को सभी मेडिकल स्टोर संचालकों के द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहयोग करने और पुलिस की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए नशा करने वाले लोगों को प्रतिबंधित दबाएं और इंजेक्शन, सिरिंज नहीं देने का आश्वासन दिया।
          एडिशनल एसपी संतोष महतो ने बताया कि प्रतिबंध दवा देने के लिए जो नियम बने हैं, उनका हर हाल में पालन किया जाए। साथ ही बार-बार इस तरह की दवा खरीदने वालों को चिह्नित भी किया जाए। इस दौरान डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, निरीक्षक जावेद मियादाद, स्टेनो अखिलेश सिंह, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. अजय मरकाम, समाज कल्याण विभाग के संचालक बेनेडिक तिर्की, ड्रग इंस्पेक्टर जयप्रकाश शर्मा, अमरेश तिर्की, डीसीडीए अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, नशा मुक्ति केन्द्र संचालक सुरेन्द्र साहू, मेडिकल स्टोर संचालक राजेश गोयल, दीपक मित्तल, नितिन गुप्ता, सतीश पाल, राजेश्वर गुप्ता, दीपेन्द्र पाल, विनोद कुमार, दुर्गेश राजवाड़े, रामनिवास साहू, अनुराग सिंहदेव, संजय, राकेश प्रजजापति, राजेश ठाकुर, प्रदीप जायसवाल, अमित सिंह, डॉ. कृष्णा साहू, राकेश प्रजापति व दीपक रवि मौजूद रहे।

नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों को नशा मुक्ति केन्द्र में कराये भर्ती। 
        बैठक में डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने नशा मुक्ति केन्द्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों का निःशुल्क उपचार नशा मुक्ति केन्द्र सूरजपुर में किया जा रहा है जिसका संचालन प्रशासन कर रहा है। नशेड़ी प्रवृत्ति के लोगों की सूचना नशा मुक्ति केन्द्र संचालक अथवा पुलिस को दे ताकि उनके परिजन की सहमति से उनका उपचार कराया जा सके जिससे वह स्वस्थ्य होकर समाज की मुख्य धारा में वापस लौट सके।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।