जिला सूरजपुर: एक सिंहावलोकन


ऐतिहासिक/भौगोलिक/राजनैतिक

जिला सूरजपुर की ऐतिहासिक/भौगोलिक/राजनैतिक जानकारी वर्ष 2004 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तात्कालीन अविभाजीत सरगुजा जिलें के इस भाग में बढ़ती हुई नक्सली गतिविधियों, कानून व्यवस्था एवं भौगोलिक परिस्थ्तियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए अविभाजीत सरगुजा जिला को पृथक कर पुलिस जिला सूरजपुर की स्थापना की स्वीकृति सरगुजा विकास प्राधिकरण की प्रथम बैठक दिनांक 12.06.2004 को प्रदान की गई, तत्पश्चात् दिनांक 20.11.2004 को पुलिस जिला सूरजपुर की नीव रखी गई। जिले के दुरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास एवं जनप्रतिनिधियों की मांग पर राज्य शासन द्वारा दिनांक 01.01.2012 को तहसील- सूरजपुर, भैयाथान, ओड़गी, प्रतापपुर, प्रेमनगर व रामानुजनगर को शामिल करते हुए सूरजपुर को राजस्व जिले का दर्जा प्रदान किया गया । वर्तमान में राजस्व जिला सूरजपुर अंतर्गत कुल 02 राजस्व अनुभाग सूरजपुर व प्रतापपुर है एवं 02 उप तहसील क्रमशः विश्रामपुर व भटगांव हैं। जिला सूरजपुर में वर्तमान में कुल 13 थाने (अजाक थाने सहित) क्रमशः सूरजपुर, विश्रामपुर, जयनगर, प्रेमनगर, रामानुजनगर, झिलमिली, ओड़गी, चांदनी, रमकोला, चंदौरा, प्रतापपुर, भटगांव एवं थाना अजाक संचालित है एवं इनकी कुल 10 चौकियां, जिन्हें कुल 04 पुलिस अनुविभाग क्रमशः सूरजपुर, प्रेमनगर, प्रतापपुर व ओड़गी में बांटा गया है। जिले में 06 थाने एवं 04 चौकी पूर्णतः नक्सल प्रभावित थे जो क्रमशः थाना प्रतापपुर, चंदौरा, रमकोला, चॉदनी, ओड़गी, झिलमिली तथा पुलिस चौकी चेन्द्रा, तारा, खड़गवां व मोहरसोप नक्सल प्रभावित थे। नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्रों में से थाना चांदनी जो थाना बैढ़न जिला सीधी मध्यप्रदेश तथा थाना ओड़गी एवं झिलमिली जो जिला कोरिया(बैकुण्ठपुर) की सीमा को छूती है ये सभी क्षेत्र आज भी दुर्गम, पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र हैं जिसका सीधा फायदा नक्सली उठाते हैं। इन्ही क्षेत्रों से नक्सलियों को आवागमन एवं प्रादुर्भाव सीमावर्ती राज्यों एवं जिलों में होता है। यह कि जिला सूरजपुर में कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं.-43 क्रमशः थाना सूरजपुर, थाना विश्रामपुर व थाना जयनगर के क्षेत्र से होकर गुजरती है, इसी प्रकार राजकीय राजमार्ग बिलासपुर-अम्बिकापुर-बनारस जो जिले के थाना प्रेमनगर, थाना जयनगर, थाना भटगांव, थाना प्रतापपुर व थाना चंदौरा क्षेत्र से होकर गुजरती है । जिला सूरजपुर अंतर्गत थाना विश्रामपुर एवं थाना भटगांव क्षेत्रांतर्गत एस0ई0सी0एल0 द्वारा ओपन एवं अण्डर ग्राउण्ड खदाने संचालित हैं। जिनका मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय विश्रामपुर व भटगांव में स्थित है। इस इकाई के अंतर्गत थाना प्रेमनगर क्षेत्रांतर्गत थाना मुख्यालय से 12कि0मी0 की दूरी पर ग्राम सल्का में इफको पावर लिमिटेड द्वारा प्रेमनगर पावर परियोजना स्थापना कार्य प्रक्रियाधीन है। इसी प्रकार अदानी द्वारा सीमावर्ती जिला सरगुजा के थाना उदयपुर अधिनस्थ आने वाले ग्राम केते, परसा आदि कोल माईन्स से कोयाल उत्खनन कर जिले के थाना जयनगर, सूरजपुर , प्रेमनगर, रामानुजनगर एवं चौकी तारा आदि क्षेत्रों से कोल परिवहन का कार्य किया जा रहा है। जिला सूरजपुर अनुसूचित जन-जाति बाहुल्य जिला है। जबकि जिले में दो अन्य विधानसभा क्षेत्र क्रंमशः प्रेमनगर एवं भटगांव भी आते हैं। जिसमें प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक श्री खेलसाय सिंह एवं भटगांव से कांग्रेस से ही श्री पारसनाथ राजवाडे निर्वाचित हैं। इसके अतिरिक्त जिले में विधानसभा सामरी एवं अम्बिकापुर का आंशिक क्षेत्र आता है। जबकि सरगुजा लोकसभा सीट अंतर्गत जिला सूरजपुर का सम्पूर्ण क्षेत्र आता है, जिसमें वर्तमान में भाजपा नेता सुश्री रेणुका सिंह निर्वाचित हैं। जिला सूरजपुर के थाना ओड़गी अंतर्गत थाने से मात्र 08 कि0मी0 की दूरी पर ग्राम कुदरगढ़ मे मां बागेश्वरी देवी का विख्यात धाम है। यहां प्रतिवर्ष शारदीय एव चैत्र नवरात्र में वृहद मेले का आयोजन किया जाता है। नव दिवसीय मेले में प्रतिदिन औसतन 15-20 हजार से अधिक राज्य एवं अन्य प्रांतों के श्रद्धालु मां के दर्शन को आते हैं। थाना प्रतापपुर से लगभग 05 कि0मी0 की दूरी पर ग्राम शिवपुर के पहाड़ी से प्राकृति रूप से उदगम् हुए शिवलिंग देव स्थल है। यहां शिवरात्रि के समय काफी संख्या में लोग भगवान शिव की दर्शन पाने पहुंचते हैं। इसी प्रकार जिले के थाना रामानुजनगर अंतर्गत कुमेली घाट, थाना चांदनी अंतर्गत रकसगंडा का विहंगम जल प्रपात, चौकी चेन्द्रा अंतर्गत प्रकृति की गोद में सारासोर का मनोरम स्थल यहां आने वाले पर्यटकों का प्रमूख पर्यटन व पिकनिक केन्द्र है। इस प्रकार जिला सूरजुपर को सरगुजा रेंज का भौगोलिक, राजनैतिक एवं धार्मिक दृष्टि से सम्पन्न जिला कहा जा सकता है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।