गुरुवार, 8 मई 2025

सूरजपुर पुलिस ने 1 लाख 15 हजार कीमत के नशीली दवाओं के साथ 1 व्यक्ति को किया गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। जिले की पुलिस ने नशीली दवाओं के विक्रेताओं को नशे की सामग्री खपाने के पहले ही धरदबोचा है, आरोपी से कब्जे से 1 लाख 15 हजार कीमत के नशीली कफ सिरप व टेबलेट बरामद कर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही किया है। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के कड़े तेवर के बाद से ही जिले की पुलिस निरंतर अवैध कारोबार व सूखा नशा के विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही में लगी हुई है।
             इसी क्रम में दिनांक 19.04.2025 को चौकी रेवटी पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि बनारस रोड़ पर ग्राम चांचीडांड स्थित ढ़ाबा के पास एक व्यक्ति बस से उतरा है और नशीली दवाई अपने साथ रखा है जिसे बिक्री करने अथवा अन्यत्र कहीं ले जाने के लिए साधन खोज रहा है। चौकी रेवटी पुलिस सूचना की तस्दीक व कार्यवाही के लिए फौरन ग्राम चांचीडांड पहुंची और घेराबंदी कर प्रतीक वस्त्रकार पिता शरद वस्त्रकार उम्र 20 वर्ष निवासी कुंदरापारा, वार्ड क्र. 10 तिफरा, थाना सिरगिटी, जिला बिलासपुर को पकड़ा, जिसके कब्जे से 116 नग नशीली कफ सिरप व 90 नग नशीली टेबलेट जप्त किया, जिसकी बाजारू कीमत करीब 1 लाख 15 हजार रूपये है। मामले में नशीली कफ सिरप व टेबलेट जप्त कर धारा 21(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी रेवटी कृष्णा सिंह, एएसआई ज्ञानचंद सिंह, प्रधान आरक्षक शिव राजवाड़े, आरक्षक निर्मल राजवाड़े, महेन्द्र कुमार, अशोक राजवाड़े, शिवभजन कुजूर, बिरन सिंह, तिरथ राजवाड़े, अनिरूद्ध पैंकरा, सैनिक श्याम प्रकाश पटेल सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।