बुधवार, 23 सितंबर 2020

सूरजपुर पुलिस ने मानसिक रूप से अस्वस्थ्य महिला का कराया उपचार.........

महिला को न्यायालय के आदेश पर बेहतर उपचार हेतु भेजा सेन्दरी बिलासपुर।

कोविड-19 संक्रमण व लाॅकडाउन के बीच पुलिस की सराहनीय पहल।

सूरजपुर: गत् 22 सितम्बर को थाना प्रभारी विश्रामपुर सुभाष कुजूर को कुम्दा कालोनी के ग्रामीणों ने सूचना दी कि बाबा मस्तनाथ मंदिर में कुछ समय से निवासरत एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला के द्वारा रास्ते में आने-जाने वाले आम लोगों को गाली-गलौज एवं पत्थर फेंककर परेशान कर रही है जिस पर थाना प्रभारी ने इसकी तस्दीकी हेतु एएसआई उमेश सिंह व महिला आरक्षक कमला सिंह व अंजली कश्यप को मौके पर भेजा, पुलिस ने उस महिला से यह जानने का प्रयास किया कि वह कौन है और कहां की रहने वाली है, काफी प्रयास के बाद महिला ने अपना नाम माधुरी अग्रहरी निवासी चिरमिरी, जिला कोरिया का होना बताई। महिला की मनोदशा को देखते हुए उसे नये कपड़े उपलब्ध कराया एवं उसे उपचार हेतु विश्रामपुर चिकित्सालय लाया गया जहां उसका उपचार कराया गया किन्तु उसके रवैया में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा था।
          थाना प्रभारी विश्रामपुर के द्वारा पूरे मामले की जानकारी से पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा को अवगत कराये जाने पर उन्होंने माननीय न्यायालय से आदेश प्राप्त कर महिला को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय भेजवाने हेतु अग्रिम कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विश्रामपुर पुलिस ने डाॅक्टरों के मशवरे एवं महिला के रवैया में कोई परिवर्तन न आने पर उसे माननीय न्यायालय सूरजपुर के आदेश पर कोविड-19 व लाॅकडाउन के बीच राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर ले जाकर दाखिल करवाया। पुलिस के इस सार्थक पहल की लोगों ने जमकर प्रशंसा की है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।