गुरुवार, 24 नवंबर 2022

केतकी भूमिगत खदान में बंधकर बनाकर डकैती के मामले में 2 और आरोपी गिरफ्तार


सूरजपुर। माईनस कालोनी विश्रामपुर निवासी विनोद पटेल ने दिनांक 31/01/22 को थाना सूरजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 30 जनवरी के रात्रि में अज्ञात नकाबपोश चोरों के द्वारा केतकी भूमिगत खदान में घुसकर सुरक्षागार्ड, इलेक्ट्रीशियन व माईनिंग सरदार को डरा धमकाकर बंधक बनाकर सभी का मोबाईल अपने कब्जे में लेकर यूनिट स्टोर का दरवाजा को तोड़कर सीसीटीव्ही कैमरा के तार को काटकर 1 नंबर इंक्लाईन से पीव्हीसी आमर्ड केबल 50 मीटर को काटकर तथा आफिस के दरवाजा को तोड़कर अंदर घुसकर 5 लोगों के मोबाईल कब्जे में लेकर तथा वर्कशॉप के टूल बाक्स को तोड़कर टूल्स को चोरी कर ले गए। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 53/22 धारा 457, 380 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। मामले की विवेचना के दौरान पूर्व में मुखबीर की सूचना आरोपी संतलाल देवांगन, लक्ष्मण सिंह, भूपेन्द्र सिंह, गजेन्द्र उर्फ पंडा सभी निवासी ग्राम पोड़ी थाना सूरजपुर को पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि तारा चंद देवांगन व शिव प्रसाद देवांगन व अन्य 2 साथियों के साथ मिलकर योजना बनाकर केतकी भूमिगत खदान में चोरी करना बताने पर मामले में धारा 395 भादसं. जोड़ी गई। आरोपियों के निशानदेही पर 10 मीटर प्हीव्हीसी आमर्ड केबल कीमत करीब 20 हजार रूपये व घटना में प्रयुक्त औजार जप्त कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। मामले के अन्य आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी।
पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने फरार आरोपियों की पतासाजी गंभीरतापूर्वक करते हुए गिरफ्तार करने के निर्देश थाना प्रभारी को दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व एसडीओपी सूरजपुर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में फरार आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी इसी बीच मुखबीर की सूचना पर आरोपी ताराचंद देवांगन पिता बलधारी राम उम्र 23 वर्ष व शिवप्रसाद देवांगन उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम पोड़ी को दबिश देकर पकड़ा गया, जिनके कब्जे से लूट किया गया 1 नग मोबाईल बरामद कर दोनों को गिरफ्तार किया गया। मामले में 2 अन्य आरोपी फरार है जिनकी पतासाजी सरगर्मी से की जा रही है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर प्रकाश राठौर, प्रधान आरक्षक ऐसन पाल, इसित बेहरा, आरक्षक राधेश्याम साहू, हरिशंकर सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।