शनिवार, 26 नवंबर 2022

सूरजपुर पुलिस ने बीट प्रणाली को मजबूत करने तेज की कवायद। पुलिस का बना बीट वाटसएप ग्रुप, पुलिस अधिकारी, ग्राम रक्षा समिति व गणमान्य नागरिक है ग्रुप में शामिल


सूरजपुर। सूचना तंत्र को प्रभावी बनाने, अपराधों पर अंकुश लगाने व ग्रामीणों से सतत सम्पर्क को लेकर आईजी सरगुजा श्री राम गोपाल गर्ग ने सूरजपुर जिले के दौरे के दौरान बीट प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश थाना प्रभारियों को दिए थे जिसके बाद से ही जिले की पुलिस के द्वारा बीट प्रणाली को सशक्त और मजबूत करने की कवायद तेज कर दी गई है। 
        बीट प्रणाली को पुख्ता करने को लेकर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू के मार्गदर्शन में थाना-चौकी प्रभारियों के द्वारा इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। बीट का वाटसएप ग्रुप तैयार करने के लिए ग्राम रक्षा समिति, गणमान्य नागरिकों, सरपंच, पंच के मोबाईल नंबर एकत्र कर पुलिस बीट वाटसएप ग्रुप बनाई जा रही है। इसी क्रम में शनिवार, 26 नवम्बर को थाना रामानुजनगर पुलिस के द्वारा ग्राम रक्षा समिति की बैठक ली गई। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह ने ग्रामीणों को बताया कि थाना क्षेत्र के ग्रामों को 6 बीट क्षेत्र में बांटा गया है और हर एक बीट में एएसआई, प्रधान आरक्षक व आरक्षक को नियुक्त किया गया है, बीट के पुलिस अधिकारी-कर्मचारी अपनी बीट के अपराधियों, वांछितों और हिस्ट्रीशीटर की जानकारी रखने के साथ ही लोगों से सतत सम्पर्क में रहेंगे। आमजनों में सुरक्षा के भाव को बनाए रखने, अपराध रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में बीट प्रणाली के योगदान के बारे में बताया और इससे जुड़ने की अपील किया।
                एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी ने महिला सुरक्षा संबंधी “अभिव्यक्ति ऐप” की जानकारी देकर गूगल प्ले स्टोर के जरिये “अभिव्यक्ति ऐप” कैसे इंस्टाल की जाती है उसके बारे में बताया साथ ही घरेलू हिंसा, मारपीट, छेडखानी या अन्य विपत्ति के समय एसओएस बटन के दबाते ही यूजर के लोकेशन पर पुलिस सहायता के लिये पहुंचेगी। महिलाओं-बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कारगर इस ऐप के बारे में विस्तार से बताते हुए ऐप डाउनलोड कराया। साइबर अपराध के बारे में बताते हुए बचाव के उपाए बताऐ और यातायात नियमों का पालन करने की समझईश दी। इस दौरान थाना प्रभारी रामानुजनगर प्रशिक्षु डीएसपी दीपमाला कुर्रे, काफी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।