गुरुवार, 24 नवंबर 2022

सूरजपुर में पुलिस जवानों के रिफ्रेसर कोर्स का हुआ शुभारंभ

सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर पुलिस लाईन सूरजपुर में पुलिस जवानों का 15 दिवसीय रिफ्रेसर कोर्स का आयोजन किया गया है जिसमें जिले के सभी थाना-चौकी से 1-1 जवानों को बुलाया गया। इस कोर्स में जवानों को वर्तमान में घटित हो रहे अपराधों के सबंध में न सिर्फ जानकारी दी जाएगी, बल्कि उन्हें आंतरिक प्रशिक्षण के अंतर्गत पुलिस प्रशासन और व्यवहार, थाना प्रबंधन, साइबर क्राइम, आईपीसी सहित अन्य विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आउटडोर में शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, हथियारों के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।
                बुधवार को पुलिस कन्ट्रोल रूम के सभाकक्ष में पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने रिफ्रेसर कोर्स के शुभारंभ अवसर पर जवानों को कहा कि इंडोर-आउटडोर प्रशिक्षण के साथ-साथ लॉ एंड आर्डर, पुलिस मैन्यूअल, वीआईपी ड्यूटी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाए रखने की जानकारी के साथ-साथ सीसीटीएनएस के कार्यो एवं कम्प्यूटर का बेसिक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। उन्होंने जवानों को कहा कि जिले में किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने की सूचना पर फौरन मौके पर पहुंचे और लगन से ड्यूटी करें। कोर्स में सम्मिलित जवानों के आवास एवं भोजन की अच्छी व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह, एसडीओपी सूरजपुर प्रकाश सोनी, थाना प्रभारी सूरजपुर प्रकाश राठौर, एसआई नीलाम्बर मिश्रा, एएसआई गंगा प्रसाद यादव, बबीता यादव सहित कोर्स में सम्मिलित सभी जवान मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।