सूरजपुर। दिनांक 21-22 अप्रैल के रात्रि गश्त के दौरान थाना प्रभारी भटगांव को मुखबीर से सूचना मिली कि कुछ अज्ञात चोर रेलवे साईडिग भटगांव के पास एसईसीएल वर्कशाप में रखे पुराने लोहे के कबाड़ को चोरी कर झाड़ी में छुपाकर रखे है और कबाड़ ले जाने की फिराक में वाहन की व्यवस्था में लगे है। मामले की सूचना से पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल को अवगत कराये जाने पर उन्होंने थाना प्रभारी को सतर्कता बरतते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह के मार्गदर्शन में थाना भटगांव की पुलिस टीम ने रेलवे साईडिंग एसईसीएल भटगांव वर्कशाप पहुंची जहां 8 व्यक्ति पुलिस को देखकर छिपने लगे पुलिस ने घेराबंदी कर अशोक राजवाड़े, पिता राम पिंगल राम निवासी गांगीकोट, आकश देवांगन पिता आगर साय निवासी कसकेला, चौकी लटोरी, तोफिक अंसारी पिता मो. हनीफ अंसारी रविवारी बाजार विश्रामपुर, इतवार साय राजवाड़े पिता अंलगी राम निवासी गांगीकोट, बाबुलाल चौधरी पिता आनंद राम निवासी बिसाही पोड़ी, धरमसाय पिता रामकेवल निवासी जूना करकोली, सुखराम पिता रामबली निवासी चलगली जिला बलरामपुर एवं रूपेश सिंह पिता सुभाष सिंह निवासी माईनस कालोनी विश्रामपुर को पकड़ा। पूछताछ पर सभी आरोपियों ने एसईसीएल भटगांव वर्कशॉप से लोहे का कबाड़ चोरी कर झाड़ियों में छिपाना बताए। आरोपियों की निशानदेही पर मौके से 1 टन लोहे का कबाड़ कीमती 40 हजार रूपये का जप्त कर धारा 41(1-4) जा.फौ./379 भादवि के तहत कार्यवाही करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी भटगांव विमलेश सिंह, एसआई उमेश सिंह, बी.एम.गुप्ता, आरक्षक रजनीश पटेल, ताराचंद यादव, प्रकाश साहू, हेमन्त सिंह व शैलेष राजवाड़े सक्रिय रहे।
CONTACT US ON FACEBOOK
'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।