मंगलवार, 17 नवंबर 2020

सूरजपुर पुलिस ने हत्यारे पति को किया गिरफ्तार........

घरेलू बात को लेकर पत्नी की हत्या कर शव का छुपाया था पैरावट में।

सूरजपुर। बीते 10 नवम्बर को ग्राम झांसी निवासी माधो सिंह पिता गोपाल राम ने चौकी बसदेई में रिपोर्ट दर्ज कराया कि मंगलवार को गांव का ललन सिंह घर आकर बताया कि तुम्हारीे माॅ धनमेत मामा के खलिहान में रखे पैरा में सोई है, सूचना पाकर यह खलिहान के पास गया तो देखा कि पैरा के बगल में कपड़ा ढ़का था जिसे उठाकर देखा तो कपड़े के नीचे माॅ मृत हालत में पड़ी थी जिसके नाक, कांन, मुंह से खून निकला था, इसके माता-पिता एक दूसरे से लड़ाई-झगड़ा करते थे तथा बीते रात में लड़ाई झगड़ा किऐ थे तथा सुबह इसकी माॅ की मृत्यु हो गई और सुबह से गोपाल राम भी घर में नहीं है कहीं भाग गया है। इसकी माॅ को पिता ही मारकर हत्या किया है रिपोर्ट पर चौकी में अपराध क्रमांक 467/20 धारा 302 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
          मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने हत्या के मामले में फरार आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने एवं स्वयं मामले की लगातार मानिटरिंग कर पुलिस टीम को आरोपी के रहने के संभावित स्थानों पर दबिश देने में लगाया। मामले में आरोपी की पतासाजी पुलिस टीम द्वारा की जा रही थी इसी दौरान चौकी प्रभारी सुनीता भारद्धाज को मुखबीर से सूचना मिली कि आरोपी जिला कोरिया के उदलकछार में घुमते देखा गया है जिसकी जानकारी से पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा को अवगत कराया जिस पर उन्होंने तुरंत पुलिस टीम को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना किया।
          पुलिस की टीम मुखबीर की सूचना के आधार पर सोमवार 16 नवम्बर को मनेन्द्रगढ़ के उदलकछार क्षेत्र में आरोपी की पतासाजी करते हुए वहां के रेलवे स्टेशन के पास पहुंची जो आरोपी ग्राम झांसी निवासी 46 वर्षीय गोपाल सिंह पिता नलू सिंह को ट्रेन में सवार होकर भागने की फिराक के दौरान घेराबंदी कर पकड़ा। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि 9 नवम्बर की रात्रि में पत्नी धनमेत के साथ घरेलू बात को लेकर झगड़ा विवाद होने पर उसे हाथ मुक्का से मारपीट किया जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई तब शव को कुंजन सिंह के खलिहान में रखा पैरा में ले जाकर छुपा देना स्वीकार किया। मामले में पृथक से धारा 201 भादवि जोड़ी जाकर आरोपी को विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
          इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी सुनीता भारद्वाज, एएसआई बीएम गुप्ता, प्रधान आरक्षक वरूण तिवारी, राहुल गुप्ता, निर्मल मिंज, हंसराम कनेडिया, आरक्षक अमरेन्द्र दुबे, जितेन्द्र पटेल, महेन्द्र सिंह, प्रदीप साहू, प्रदीप जायसवाल, व अमित सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।