शनिवार, 20 जुलाई 2019

ट्रैफिक पुलिस बच्चों को मानती है ब्रांड एंबेसडर.......

बच्चों के जरिए अभिभावक भी होते है जागरूक

सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी चंचल तिवारी के मार्गदर्शन में शनिवार को चौकी प्रभारी तारा राजेश तिवारी के द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग अन्तर्गत ‘‘सहयोग’’ के बैनर तले दिव्यदीप मिशन हायर सेकेण्डरी स्कूल शिवनगर के छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक नियमों का ज्ञान कराया और उन्हें बताया गया कि नियमों की अनदेखी किस तरह जिंदगी पर भारी पड़ रही है।
चौकी प्रभारी ने स्कूली बच्चों को यातायात नियमों एवं चाइल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098 के कार्यो से अवगत कराते हुए कहा कि आपके आसपास यदि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे किसी संस्थान अथवा होटल में कार्य करने, संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए देखे जाने की सूचना इस हेल्पलाईन में दे साथ ही पुलिस को भी तत्काल अवगत कराए। चौकी प्रभारी ने छात्र-छात्राओं को गुड टच, बैड टच के बारे में बता कर बच्चों को श्रम के क्षेत्र में नियोजित करने हेतु होने वाले मानव तस्करी से बचने जागरूक किया एवं बालकों से संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दी। स्कूली बच्चों को अनुशासन में रहकर ज्ञान अर्जित करने एवं समय पर स्कूल आने-जाने की समझाईश दी गई। 
चौकी प्रभारी राजेश तिवारी ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस बच्चों को ब्रांड एंबेसडर मानती है, क्योंकि उनके जरिए अभिभावकों को भी जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने मोटर व्हीकल एक्ट में नियमों का उल्लघंन करने पर सजा के प्रावधानों से अवगत कराया।
इस दौरान संस्था के प्राचार्य मार्टिन बड़ा, शिक्षक मनोज, प्रदीप लकड़ा, सुनील, प्रधान आरक्षक बंधूराम, आरक्षक मनोज जायसवाल एवं विजय केरकेट्टा उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।