गुरुवार, 2 जून 2022

पुलिस अधीक्षक सूरजपुर के द्वारा सीसीटीएनएस ऑपरेटरों की ली गई समीक्षा बैठक


सूरजपुर। जिले के थानों में स्थापित क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम सिस्टम को प्रभावशाली बनाने के लिए पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने बुधवार को अपने कार्यालय में जिले के सभी थानों के सीसीटीएनएस सिस्टम के ऑपरेटरों की बैठक ली। बैठक में पुलिस अधीक्षक के द्वारा समस्त सीसीटीएनएस ऑपरेटरों से एक-एक करके थानों में कामकाज के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की एवं उनके निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश दिए। सीसीटीएनएस योजना अंतर्गत कार्य में अपराध विवरण के सभी फॉर्म को अनिवार्य रूप से शत-प्रतिशत भरे जाने व थानों में कार्यरत सीसीटीएनएस ऑपरेटरों को साइबर अपराधों पर रुचि लेकर थाना एवं चौकी आने वाले साइबर फ्रॉड से पीड़ित व्यक्तियों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए गए।

सीसीटीएनएस आपरेटरों को निर्देश

बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि विवेचकों द्वारा घटना स्थल के अक्षांस व देशांतर फीड करना, अभियुक्त, संदेहियों के प्रथम नाम, मध्य नाम, अंतिम नाम एवं उप नाम को पृथक पृथक दर्ज करें। अभियुक्त का मोवाईल नंबर एवं संबंधी का नाम एवं मोवाईल नंबर भरा जावे। अपराध घटित होने पर अपराध की प्रवृत्ति, तरीका का उल्लेख करना, अपराध के उद्देश्य का उल्लेखित करना, आयु, लिंग आदि का उल्लेख करना, गुमशुदा, अज्ञात मृत व्यक्ति, गिरफतार व्यक्ति आदि की फोटो अवश्य लगानेे। संदेहीयों के शरीरिक बनावट हुलिया आदि की सही-सही डाटा फीड करना। डाटा एंट्री में सीसीटीएनएस आॅपरेटरों द्वारा जो सूक्ष्म खामी की जा रही थी उन गलतियों पर सुधारात्मक नजरियें से सुधार करने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में डाटा एंट्री में सुधार होकर त्रुटि की गुंजाईश न रहे। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एएसपी ए.के.जोशी, सीसीटीएनएस शाखा के प्रधान आरक्षक मनीष पन्ना, आरक्षक विनय दान, मिथलेश प्रजापति सहित सभी थाना के सीसीटीएनएस ऑपरेटर मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।