सोमवार, 4 मार्च 2019

थाना रामानुजनगर पुलिस ने सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी

*     1 मार्च को माधवपुर पारा घुटरी जंगल में मिला था नाबालिग का शव।

*      प्रेमी ही निकला प्रेमिका का हत्यारा।

सूरजपुर। गत् 1 मार्च को ग्राम अर्जुनपुर माधवपुर पारा निवासी 35 वर्षीय रामाशंकर ठाकुर ने थाना रामानुजनगर में सूचना दिया कि 26 फरवरी को इसकी पुत्री 16 वर्षीय मंजू ठाकुर घर से बिना बताए कहीं चली गई थी जिसका आसपास, रितेदारों में पता तलाश किए जाने पर पता नहीं चला था इसी बीच 1 मार्च को वह बकरी चराने घुटरी जंगल तरफ गया तो देखा कि उसकी पुत्री मंजू का शव मृत अवस्था में पट हालत में पड़ी है सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर तत्काल मौके पर पहुंची और मृतिका के शव पंचनामा के बाद शव को पी.एम. हेतु भेजा। 2 मार्च को डाॅक्टर द्वारा शार्ट पीएम रिपोर्ट प्राप्त हुआ जिसमें मंजू की मृत्यु नाक-मुंह दबाने से श्वास अवरूद्ध होने एवं हत्यात्मक प्रकृति का होना लेख किया गया जो प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना प्रतीत होने पर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्व अपराध क्रमांक 41/19 धारा 302 भादवि के तहत् मामला पंजीबद्ध किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के द्वारा जल्द से जल्द मामले का खुलासा करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर व एसडीओपी प्रेमनगर चंचल तिवारी के मार्गदर्शन में प्रकरण की विवेचना के दौरान मृतिका के परिजनों द्वारा अपने गांव के सावन सिंह पर संदेह व्यक्त किया गया था जिस आधार पर संदेही सावन सिंह का पता तलाश किया जा रहा था जिसे मुखबीर की सूचना पर ग्राम अर्जुनपुर माधवपुर पारा जंगल में दबिश देकर 4 मार्च को पकड़ा गया। पुलिस टीम के द्वारा सावन सिंह से पूछताछ किए जाने पर अपना जुर्म स्वीकार किया और बताया कि 26 फरवरी को मंजू के साथ जंगल एवं छुरी पहाड़ पर गया था, मंजू बार-बार शादी करने के लिए बोल रही थी, सावन सिंह शादी नहीं करना चाहता था इसलिए उसने मंजू का नाक व मुंह दबाकर हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी सावन सिंह पिता देवचरण उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम अर्जुनपुर माधवपुर, थाना रामानुजनगर के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर विधिवत उसे गिरफ्तार किया गया।इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रामानुजनगर विकेश तिवारी, प्रधान आरक्षक रविन्द्र भारती, देव नारायण यादव, आरक्षक अकरम मोहम्मद, अमलेश्वर कुमार, विकास पटेल, देवान सिंह व महिला आरक्षक सिंधु कुजूर सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।