सोमवार, 4 मार्च 2019

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने ली समीक्षा बैठक

*   पुलिस कर्मचारी रात्रि गश्त के दौरान वायरलेस हैण्डसेट से होंगे लैंस।

*   घटना-दुर्घटना की सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचे पुलिस।

सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के निर्देश पर सोमवार को नव पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर ने कोतवाली सूरजपुर के विवेचकों की बैठक सीएसपी कार्यालय में आयोजित की इस दौरान सीएसपी डी.के.सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में एएसपी हरीश राठौर ने विवेचकों को आपराधिक सूचना, घटना-दुर्घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचने, चोरी-नकबजनी के मामले में डाॅग स्क्वाड सहित एफएसएल टीम की मदद् लेने, आरोपियों की धरपकड़ में सूचना तंत्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है इसके लिए आवश्यक है कि क्षेत्र में सक्रिय सूचना तंत्र हो उन्हें एक्टीव करने, पीड़ित व्यक्ति के थाने में आने पर उसकी समस्या को विस्तारपूर्वक सुनकर उचित कार्यवाही करने के साथ ही आम जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरने के निर्देश दिए। उन्होंने विवेचकों को चलित थाना व ग्राम भ्रमण के दौरान ग्रामीणजनों को विभिन्न प्रकार से हो रहे धोखाधड़ी से सावधान रहने की जानकारी देने, महिलाओं के विरूद्ध घटित घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही करने के कड़े निर्देश भी दिए।इस दौरान एएसपी श्री राठौर ने कोतवाली क्षेत्र में गश्त प्वाईन्ट के स्थानों के बारे में जानकारी ली। रात्रि गश्त सुदृढ व प्रभावी बनाने हेतु गश्त ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को वायरलेस हैण्डसेट उपलब्ध कराने के निर्देश रेडियो प्रभारी को दी ताकि एक-दूसरे के बीच बेहतर कनेक्टीविटी बनी रहे और प्रभावी गश्त सुनिश्चित की जा सके। बैठक में सीएसपी डी.के.सिंह, थाना प्रभारी सूरजपुर ए.टोप्पो, एसआई विनीत पाण्डेय, गणेश राम चैहान, एएसआई मंत्री राम, प्रधान आरक्षक राहुल गुप्ता, विवेक पाण्डेय, सुरेन्द्र पैंकरा एवं विनोद सिंह उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।