बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

मोबाईल बिक्री का सौदा कर रकम लेकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को थाना विश्रामपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। विश्रामपुर निवासी बालाजी मोबाईल दुकान संचालक सैन्की मित्तल ने दिनांक 04.07.2025 को थाना विश्रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 30.04.2025 को एक मोबाईल नंबर के धारक द्वारा उसके मोबाईल नंबर पर कॉल करके मोबाईल बेचने हेतु रेट लिस्ट भेजकर 1,78,500 रूपये में मोबाईल बिक्री करने का सौदा किया था, सौदे के मुताबिक इसके द्वारा यूपीआई के माध्यम से दो बार में कुल 1,78,500 रूपये बारकोड के माध्यम से ट्रांसफर किया था किन्तु उक्त मोबाईल नंबर के धारक द्वारा कोई भी मोबाईल नहीं भेजा गया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना विश्रामपुर में अपराध क्रमांक 161/25 धारा 318(4) बीएनएस, 66(घ) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
            डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने धोखाधड़ी करने वाले आरोपी की पतासाजी कर जल्द पकड़ने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी सूरजपुर अभिषेक पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना विश्रामपुर ने मामले की विवेचना के दौरान मोबाईल नंबर के आधार पर तकनीकी मदद से आरोपी के बारे में जानकारी हासिल करते हुए आरोपी विनय कुमार दवानी पिता नारायण दास दवानी निवासी सी-2 कटारिया होम, पोलीपाचर गौरीघाट वार्ड जबलपुर मध्यप्रदेश को पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि वह पूर्व में मोबाईल दुकान चलाता था, जो दिनांक 30.04.2025 को बिश्रामपुर के एक दुकान संचालक का मोबाईल नंबर वाटसअप के व्यापारी ग्रुप से प्राप्त कर उसे फोन कर बोला कि वह मोबाईल का थोक विक्रेता है और कम दाम में मोबाईल फोन बेचता है, बिश्रामपुर के उक्त व्यापारी को कम दाम में आई फोन देने का झांसा देकर कुल 1,78,500 रूपये यूपीआई के माध्यम से प्राप्त करना और ठगी से प्राप्त रकम को ऑन लाईन गेम में लगाना और खेलकर हार जाना और मोबाईल में लगे सीम को तोड़कर फेंक देना बताया। आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त 1 मोबाईल फोन जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर प्रकाश राठौर, एएसआई विशाल मिश्रा, अविनाश सिंह व आरक्षक अखिलेश पाण्डेय सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।