बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

अपहृत बालिका को दस्तयाब कर आरोपी एवं उसके 2 सहयोगियों को चौकी बसदेई पुलिस ने किया गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। चौकी बसदेई क्षेत्र अन्तर्गत एक व्यक्ति ने चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 09.09.2025 को इसकी नाबालिक पुत्री स्कूल जाने की बात कहकर निकली थी जो वापस घर नहीं आई। कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। रिपोर्ट पर अपहरण की धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
            डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने गुमशुदा एवं अपहरण के मामले में हर संभव प्रयास अपहृत को दस्तयाब करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व सीएसपी एस.एस.पैंका के मार्गदर्शन में चौकी बसदेई पुलिस ने अपहृत बालिका की गंभीरतापूर्वक खोजबीन करने के दौरान मुखबीर की सूचना व नई तकनीक की मदद से अपहृता को रायगढ़ में होने की जानकारी मिली जिसके बाद पुलिस टीम विधिवत् रायगढ़ के लिए रवाना हुई और काफी खोजबीन के बाद कापू में आरोपी रोशन के कब्जे से अपहृत बालिका को दस्तयाब कर दोनों को लाया गया। मामले की विवेचना में आरोपी के साथी दयाशंकर व ओमकार के द्वारा भली-भाजी जानते हुए अपहृता को भगाने में सहयोग किया गया जो इन दोनों को भी दबिश देकर पकड़ा गया। प्रकरण में पृथक से धारा 87, 65(2), 3(5) बीएनएस व पास्को एक्ट की धारा 6 जोड़ी जाकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी बसदेई योगेन्द्र जायसवाल, प्रधान आरक्षक महेन्द्र सिंह, आरक्षक रामकुमार सिंह, देवदत्त दुबे, अशोक सिंह, अशोक केंवट, महिला आरक्षक पूनम सिंह व नगर सैनिक अनिल विश्वकर्मा सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।