गुरुवार, 8 मई 2025

रात्रि गश्त कर रहे पुलिस जवानों की मुस्तैदी से पकड़ा गया बैंक में चोरी करने घुसा आरोपी।

 

सूरजपुर। डीआईजी व एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने अपराधों की रोकथाम, बैंकों व एटीम की सुरक्षा एवं चेकिंग  के लिए प्रभावी व मुस्तैदी से रात्रि गश्त करने के निर्देश पुलिस अधिकारी व जवानों को दिए है जिसका वे खुद लगातार मानिटरिंग करते है। जिले की पुलिस के जवानों की चुस्त रात्रि गश्त के कारण बैंक में चोरी करने घुसे आरोपी को गश्त जवान की मुस्तैदी से समय रहते धरदबोचा गया और एक बड़ी घटना होने से टल गई। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर ने मुस्तैदी से रात्रि गश्त करने एवं एक बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले ही आरोपी को पकड़ने पर रात्रि गश्त जवानों तथा नाईट आफिसर को नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया है।



दिनांक 17-18.04.2025 की दरम्यानी रात्रि में थाना झिलमिली में पदस्थ आरक्षक रामसुभग रवि व सैनिक अनिल विश्वकर्मा मुस्तैदी से रात्रि गश्त करते हुए बैंक एवं एटीएम को चेक कर रहे थे इसी क्रम में दोनों सेन्ट्रल बैंक शाखा झिलमिली पहुंचे और बैंक की सूक्ष्मता से मुआयना कर बैंक के पीछे पहुंचे जहां दोनों ने सेंधमारी देख इसकी जानकारी से नाईट आफिसर प्रधान आरक्षक सुखनंदन सिंह श्याम को अवगत करा मौके पर बुलाया। इस घटना की सूचना पाकर फौरन जोनल गश्त अधिकारी एसडीओपी सूरजपुर अभिषेक पैंकरा, थाना प्रभारी झिलमिली नसीमुद्दीन दलबल के साथ बैंक पहुंचे। पुलिस टीम के द्वारा पूरे बैंक की घेराबंदी कर सेंधमारी कर बैंक में चोरी की नियत से घुसे एक व्यक्ति को पकड़ा। पूछताछ पर उस व्यक्ति ने अपना नाम दिपेश साहू पिता भैयालाल साहू उम्र 19 वर्ष ग्राम बड़सरा, थाना झिलमिली को होना बताया। मामले में आरोपी के विरूद्ध अपराध क्र. 69/2025 धारा 331(4), 305(ई), 62 बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
           पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि सेन्ट्रल बैंक भैयाथान में चोरी करने का योजना बनाकर 17-18 अप्रैल की रात्रि में सब्बल, पेचकश, पलाश लेकर अपने मोटर सायकल से आया, मोटर सायकल को खड़ा कर बैंक के अहाता को पार कर बैंक के पीछे जाकर सब्बल से दिवाल में सेंध मारकर बैंक से पैसा चोरी के लिए घुसा था और पैसा खोज रहा था इसी बीच पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी के निशानदेही पर सब्बल, पेचकश, पलाश व मोटर सायकल जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।