बुधवार, 18 दिसंबर 2024

नशीली दवा प्रदाय करने व परिवहन के मामले में थाना प्रतापपुर पुलिस ने 2 विधि विरूद्ध संषर्घरत् बालक सहित 3 को किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के कड़े निर्देश के बाद से ही थाना-चौकी की पुलिस के द्वारा अवैध कार्यो में लिप्त लोगों की लगातार धरपकड़ का अभियान जारी है। यहीं नहीं नशे की सामग्री जप्ती के बाद उसके विक्रेता और क्रेता की भी गिरफ्तारी की जा रही है ताकि नशे की सप्लाई चैन को तोड़ा जा सके। थाना प्रतापपुर पुलिस के द्वारा नशीली दवाईयों के परिवहन की सूचना पर दबिश देकर मोटर सायकल सहित 2 विधि विरूद्ध संघर्षरत् बालकों को पकड़ा और पूछताछ के आधार पर नशीली दवाई सप्लायर एक व्यक्ति को भी धर दबोचा है।
              दिनांक 06/12/2024 को थाना प्रतापपुर पुलिस को मुखबीर से सूचना मिला कि दो व्यक्ति बजाज प्लेटिना मोटर सायकल क्रमांक सीजी 15 डीई 0102 से अवैध नशीली दवाई लेकर जरही से प्रतापपुर की ओर आने वाले है। सूचना पर पुलिस टीम ने ग्राम केंवरा में घेराबंदी लगाया जहां उक्त मोटर सायकल में 2 व्यक्ति आते दिखे जिन्हें घेराबंदी कर रोकते हुए मोटर सायकल सहित दो विधि विरूद्ध संघर्षरत बालकों को पकड़ा गया जिनके कब्जे से 30 नग नशीली कफ सिरप, 48 नग कैप्सूल एवं 60 नग टेबलेट जप्त किया गया जिसकी बाजारू कीमत करीब 15 हजार रूपये है। पूछताछ पर दोनों ने बताया कि नशीली दवाईयों को नमनाकला अम्बिकापुर निवासी निमिष गुप्ता से खरीदकर लाए है जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर आरोपी निमिष गुप्ता पिता मोहनलाल गुप्ता, उम्र 44 वर्ष निवासी केशवगंज, थाना- सागर, जिला-सागर मध्यप्रदेश, वर्तमान निवासी नमनाकला थाना गांधीनगर, जिला सरगुजा (छ.ग.) को पकड़ा। पूछताछ पर उसने नशीली दवाई की सप्लाई करना स्वीकार किया। मामले में नशीली दवाई व परिवहन में प्रयुक्त मोटर सायकल जप्त कर धारा 21(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत् कार्यवाही कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मामले के 2 विधि विरूद्ध संघर्षरत् बालकों को विधि अनुसार किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे व उनकी टीम सक्रिय रही।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।