बुधवार, 10 अप्रैल 2024

पिता के हत्यारे पुत्र को थाना जयनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। दिनांक 08.04.2024 को थाना लखनपुर से मृतक राजेन्द्र सिंह पिता स्व. मोहरसाय उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम पहाड़गांव सतीपारा, थाना जयनगर की मर्ग डायरी प्राप्त हुआ जिसमें मृतक की मृत्यु रोड़ एक्सीडेंट से होना लेख किया गया था। मामले की जांच के दौरान मृतक के परिजनों द्वारा मृतक के मृत्यु पर संदेह व्यक्त किया गया।
         मामले की सूचना पर उप पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने मामले की गंभीरतापूर्वक सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर के मार्गदर्शन में बारीकी से जांच दौरान पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि दिनांक 04.04.2024 को रात में मृतक का झगड़ा विवाद उसके मझले पुत्र मनोज सिंह से हुआ है जिसके बाद मनोज सिंह को पकड़ा गया। सूक्ष्मता से पूछताछ पर उसने बताया कि दिनांक 04.04.24 के रात 7-8 बजे के मध्य मृतक राजेन्द्र सिंह (पिता) द्वारा मनोज से बिना पूछे बैल बेचने की बात को लेकर नाराज होकर लोहे के राड़ से अपने पिता के सिर में वार कर मारपीट करना तथा ईलाज हेतु अम्बिकापुर लेकर जाना एवं डॉक्टर द्वारा रेफर करने पर एम्बुलेंस से रायपुर लेकर जाने के दौरान लखनपुर के पास पिता का स्वास्थ्य बिगड़ने पर लखनपुर अस्पताल में लेकर जाने पर डॉक्टर द्वारा राजेन्द्र सिंह को मृत होना बताने पर अपने बचाव व पुलिस को गुमराह करने की नियत से रोड़ से एक्सीडेंट से मृत्यु होने की झूठी रिपोर्ट थाना लखनपुर में करना बताते हुए अपराध करना स्वीकार किया। मामले में धारा 302, 201, 506 भादसं. के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी मनोज सिंह पिता स्व. राजेन्द्र सिंह उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम पहाड़गांव, थाना जयनगर के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त लोहे का रोड जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया  इस कार्यवाही में थाना प्रभारी जयनगर परिवीक्षाधीन डीएसपी स्निग्धा सलामे, एएसआई प्रवीण राठौर, प्रधान आरक्षक रजिन्दर एक्का, महेन्द्र सिंह, संतोष वर्मा, आरक्षक विकास मिश्रा, सोनू सिंह, सुरेश तिवारी, अविनाश कुजूर व राजीव गवेल सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।