मंगलवार, 15 मई 2018

जिला स्तर पर गठित पुलिस संरक्षण फोरम की बैठक सम्पन्न

*      गुमशुदा बच्चों एवं मानव तस्करी के नियंत्रण में पुलिस की मदद् करेगा फोरम

सूरजपुर । 

गुमशुदा बच्चों व मानव तस्करी पर नियंत्रण के उद्देश्य से थाना एवं जिला स्तर पर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों व अन्य शासकीय कर्मचारियों तथा पेंशनदारों को शामिल कर पुलिस संरक्षण फोरम का गठन सूरजपुर पुलिस के द्वारा किया गया जिनकी बैठक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर द्वारा सोमवार को पुलिस कन्ट्रोल रूम सूरजपुर के सभाकक्ष में आयोजित की गई। फोरम में पुलिस विभाग के साथ साथ स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य विभागों के रिटायर्ड अधिकारी/कर्मचारी सदस्य है, जिन्हें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित संबंधित थाना चौकी प्रभारियों के मोबाईल नंबर की जानकारी उपलब्ध कराई गई।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूरजपुर मेघा टेंभुरकर ने मानव तस्करी की सूचना किसी भी माध्यम से प्राप्त होने पर अथवा किसी बाहरी व्यक्ति के द्वारा गांव अथवा शहर के लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर बाहर ले जाने की सूचना मिलने पर इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को देने, थाना चौकी प्रभारियों को गुमशुदा बच्चों के मिलने के हरसंभव स्थानों पर पुलिस टीम रवाना, अधिकारी कर्मचारी समंस वारंट तामीली हेतु गांव में जाने पर वहां के वरिष्ठ नागरिकों सहित ग्राम के सरपंच तथा पंच से मुलाकात कर गांव की गतिविधियों की जानकारी एकत्र कर वापस आने पर उसकी जानकारी थाना प्रभारी को देने हेतु निर्देशित किया। इस दौरान एएसपी श्रीमती टेंभुरकर ने थाना व जिला स्तर पर गठित पुलिस संरक्षण फोरम के सदस्यों से कहा कि आप सभी के सहयोग से गुमशुदा बच्चों एवं मानव तस्करी एवं अन्य अपराधों पर नियंत्रण में सार्थक प्रयास किया जा सके।
बैठक में पुलिस संरक्षण फोरम के सदस्यों से सुझाव आमंत्रित करने पर यह बात निकलकर आई कि पुलिस के द्वारा आयोजित किये जाने वाले चलित थाना में और बढ़ोत्तरी की जाए ताकि आमजन अपनी समस्या अपने गांव में ही निराकृत करा सकें तथा पुलिस को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।
इस दौरान एसडीओपी प्रेमनगर चंचल तिवारी, डीएसपी मुख्यालय निमिषा पाण्डेय, एसडीओपी राकेश पाटनवार, थाना प्रभारी दीपक पासवान, सुनील तिवारी, प्रदुम्मन तिवारी, रामेन्द्र सिंह, एसआई नीलाम्बर मिश्रा, राममूरत यादव, ए0टोप्पो, विरेन्द्र कंवर, अश्विनी पाण्डेय, राजकुमार कश्यप, चौकी प्रभारी महेष्वर सिंह, प्रमोद पाण्डेय, सुमन्त पाण्डेय, एएसआई राजाराम राठिया, बजरंगी लाल चैहान, के.के. खेस, क्लेमेंट तिर्की, प्रधान आरक्षक अदीप प्रताप सिंह, तीजराम जांगड़े, रविन्द्र कौल, ब्यासदेव राय सहित थाना व जिला स्तर पर गठित पुलिस संरक्षक फोरम के सदस्यगण काफी संख्या में उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।