बुधवार, 10 अप्रैल 2024

सेन्ट्रल बैंक के ग्राहकों का 20,57,600 रूपये छलपूर्वक ठगी करने वाले आरोपी कमिशन एजेंट को थाना सूरजपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार। छल की रकम से आरोपी ने भूमि खरीदी, दुकान-मकान बनवाया तथा ट्रेक्टर खरीदने में दिए पैसे।

सूरजपुर। दिनांक 25.12.2023 को अम्बिकापुर निवासी अधिवक्ता सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया धनंजय मिश्रा ने थाना सूरजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि अभिषेक प्रताप सिंह जो सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा महगंवा जिला सूरजपुर का व्यवसायिक प्रतिनिधि है जो कमिशन एजेंट के रूप में कार्य करता है जो बैंक का कर्मचारी नहीं है। शिकायतकर्ताओं से उनके खाते में रकम जमा कराने के नाम पर पैसे लेकर उनके खाते में प्राप्त राशि जमा नही करायी गई हैं। उक्त मामले कि जांच दौरान शिकायतकर्ताओ के आवेदन पत्र एवं जमा पर्ची का निरीक्षण करने में पाया कि अभिषेक प्रताप सिंह के द्वारा अपने कार्य में लापरवाही करते हुए शिकायतकर्ताओ से प्राप्त राशि को उनके खाते में जमा नहीं करायी गई है। जिससे सेन्ट्रल बैंक शाखा महगंवा को भारी नुकसान हुआ तथा अभिषेक प्रताप सिंह को व्यक्तिगत लाभ हुआ हैं जो प्रथम दृष्टया करीब 20,57,600 रूपये का नुकसान होना प्रदर्शित होता है। अभिषेक प्रताप सिंह के द्वारा जमाकर्ताओ की रशि की छलपूर्वक अपने पास रख लिया तथा फर्जी एवं कुटरचना कर बैंक की फर्जी सील एवं दस्तावेज तैयार किया है। रिपोर्ट पर धारा 420 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
              उप पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने लंबित मामलों की समीक्षा उपरान्त फरार चल रहे आरोपियों की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना सूरजपुर पुलिस मामले की विवेचना करते हुए आरोपी की पतासाजी में लगी थी इसी बीच मुखबीर की सूचना पर आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह पिता विजय कुमार निवासी ग्राम खोड थाना ओडगी को घेराबंदी कर पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि बैंक में जो ग्राहक जमाकर्ता पैसे जमा करने के लिए आते थे उसका जमा पर्ची में बैंक का सील लगाकर अपना हस्ताक्षर कर पावती दे देता था और पैसे को अपने पास रख लेता था। बैंक ग्राहको से जो रकम मिला उस रकम से गांव में अपने पिता के नाम से जमीन खरीदा हैं, मकान-दुकान बनवाया है तथा चाचा के नाम से महेन्द्रा ट्रेक्टर खरीदने में पैसे दिया है। आरोपी के निशानदेही पर सील, जमीन क्रय करने संबंधी दस्तावेज एवं महेन्द्रा ट्रेक्टर को जप्त किया गया। आरोपी के द्वारा घटना को अंजाम देना स्वीकार करना एवं बैंक का कर्मचारी न होते हुए भी बैंक ग्राहकों से रकम लेकर बैंक का सील व अपना हस्ताक्षर कर कुटरचना कारित करना तथा कुटरचित हस्ताक्षर युक्त जमापर्ची को ग्राहको को देना पाये जाने से प्रकरण में धारा 419, 467, 468, 471 भादसं जोड़ी जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एसआई संदीप कौशिक, पियुष चन्द्राकर, प्रधान आरक्षक विवेकानंद सिंह, इसित बेहरा, आरक्षक सुशील मिंज, रामप्रसाद पैकरा व महिला आरक्षक नीता भण्डारी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।