शुक्रवार, 6 जनवरी 2023

आईजी सरगुजा के ऑपरेशन ईगल अभियान में सूरजपुर पुलिस की मिली बड़ी सफलता

  • सूरजपुर पुलिस के द्वारा 36 स्थाई वारंट किया गया तामील
  • सर्वाधिक 12 वारंट थाना सूरजपुर द्वारा किया गया तामील
  • छेड़छाड़, मारपीट, चोरी, आबकारी एक्ट आदि प्रकरणों के है ये आरोपी
  • सभी पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को किया जायेगा पुरस्कृत

सूरजपुर। आईजी सरगुजा रेंज श्री रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) ने फरार स्थाई वारंटियों की धरपकड़ के लिए दिनांक 4 से 20 जनवरी 2023 तक आपरेशन ईगल चलाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद से अब तक सूरजपुर पुलिस के द्वारा जिले सहित दिगर जिलों से 36 स्थाई वारंटियों को धर दबोचा। बीते दिन पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) ऑपरेशन ईगल अभियान के स्थाई वारंटियों का पूरा ब्यौरा थाना प्रभारियों से लेते हुए उन्हें कड़े शब्दों में वारंट की तामीली करने के निर्देश देते हुए पुलिस राजपत्रित अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग के लिए लगाया था। पुलिस अधीक्षक ने स्थाई वारंटी तामील के इस अभियान में शामिल सभी पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। 
                पुलिस अधीक्षक के कुशल निर्देशन एवं जिले के सभी पुलिस राजत्रित अधिकारियों के मार्गदर्शन में स्थाई वारंट तामीली के लिए चलाए गए इस अभियान में थाना-चौकी प्रभारी व उनकी टीम ने बीते 2 दिन में 36 स्थाई वारंट तामिल किया जो अब तक दो दिन में बड़ी संख्या में स्थाई वारंट तामील किया गया है।
                स्थाई वारंटी की धरपकड़ के लिए चलाए गए ऑपरेशन ईगल में सर्वाधिक 12 स्थाई वारंटी थाना सूरजपुर के द्वारा तामिल की गई इसके अलावा थाना विश्रामपुर ने 4, प्रतापपुर 2, चांदनी 2, प्रेमनगर 3, ओड़गी 1, झिलमिली 1, रमकोला 1, जयनगर 2, भटगांव 4 व थाना रामानुजनगर ने 4 कुल 36 स्थाई वारंट तामील किया है। छेड़छाड़, मारपीट, चोरी, आबकारी एक्ट सहित विभिन्न मामलों में वर्षो से फरार स्थाई वारंटियों को पकड़ा गया। जिले के पुलिस राजपत्रित अधिकारियों के द्वारा लगातार इस अभियान की मॉनिटरिंग की गई। वारंटियों की तामिली हेतु थाना-चौकी प्रभारी व उनकी पुलिस टीम लगी हुई थी, लम्बे समय से फरार वारंटियों के लुकछिप कर रहने की जानकारी मिली। कई शातिर आरोपी जिले के अपराध में संलग्न होने से न्यायालय द्वारा वारंट जारी किये जाने पर पहचान छिपाकर सीमावर्ती जिलों में रहने लगे थे। पुलिस ने पकड़े गए सभी वारंटियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।