सूरजपुर। सोमवार को पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) ने दोषमुक्त प्रकरणों की समीक्षा उप संचालक अभियोजन एवं एडीपीओ की मौजूदगी में किया। पुलिस अधीक्षक ने दोषमुक्त किए गए प्रकरणों का बारीकी से समीक्षा करते हुए अनुसंधान कार्रवाई में त्रुटियों से बचने एवं विवेचना अधिकारियों को भविष्य में बेहतर साक्ष्य संकलन करने के निर्देश देने की बात कही। दोषमुक्त हुए प्रकरणों के कारणों पर भी प्रकाश डालते हुए भविष्य में अत्यंत सावधानीपूर्वक अनुसंधान कार्रवाई करने तथा पक्षद्रोही गवाहों पर अंकुश लगाने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन पर ध्यान केन्द्रीत करने को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान उप संचालक अभियोजन विरेन्द्र लकड़ा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुनील चौरसिया सहित अमरदीप देवांगन, हरीश चक्रधारी मौजूद रहे।
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'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।