गुरुवार, 15 दिसंबर 2022

ऑपरेशन मुस्कान के तहत 4 बालिका व 1 बालक को पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, झारखण्ड सहित दूसरे जिले से किया गया दस्तयाब

गुम इंसान के परिजनों से मिले पुलिस अधीक्षक सूरजपुर, पुलिस अधिकारियों को संवेदनशीलता पूर्वक पतासाजी कर दस्तयाब करने दिए निर्देश

सूरजपुर। पुलिस मुख्यालय रायपुर व पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज सरगुजा श्री रामगोपाल गर्ग के निर्देश पर दिनांक 21.11.2022 से 20.12.2022 तक गुम इंसान की खोजबीन के लिए पुलिस के द्वारा ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देशन में थाना-चौकी की पुलिस के द्वारा जिला, दिगर जिला व राज्य में जाकर गुम इंसान के मिलने के संभावित स्थानों पर गंभीरतापूर्वक खोजबीन की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए जिले के गुम इंसान के परिजनों से मुलाकात कर खोजबीन के बारे में चर्चा कर उनसे जाना कि पुलिस खोजबीन ठीक से कर रही है अथवा नहीं। गुरूवार, 15 दिसम्बर को पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के जिलेभर के अदम दस्तयाब गुम इंसान के परिजनों से मुलाकात कर उनके परिजन जो गुम हुए है उनके पतासाजी प्राथमिकता के आधार पर गंभीरतापूर्वक करने की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने परिजनों को बताया कि गुम इंसान की पतासाजी तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर एवं विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर लगातार किया जा रहा है। खोजबीन के दौरान मिलने वाली छोटी-छोटी जानकारियों पर पुलिस की नजर है, जिला सहित दिगर राज्य में गुम इंसान के होने वाले संभावित स्थानों पर पुलिस गंभीरतापूर्वक खोजबीन करने के लिए दबिश दे रही है। ज्ञात हो कि चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस के द्वारा 04 बालिका व 01 बालक को दिगर राज्य पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, झारखण्ड, दिगर जिला बिलासपुर व अम्बिकापुर से दस्तयाब किया गया है। वर्ष 2022 में कुल 7 बालक, 63 बालिका, 73 पुरूष व 186 महिला गुम हुए थे। जिले के थाना-चौकी की पुलिस के द्वारा तत्परतापूर्वक पतासाजी करते हुए 7 बालक, 62 बालिका, 58 पुरूष व 143 महिलाओं को दस्तयाब कर विधिवत परिजनों को सुपुर्द किया है। शेष गुम इंसान की पतासाजी गंभीरतापूर्वक की जा रही है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह, डीएसपी मुख्यालय नंदिनी ठाकुर, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी सहित थाना-चौकी प्रभारी व विवेचकगण मौजूद रहे। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।