मंगलवार, 13 सितंबर 2022

रामानुजनगर पुलिस स्कूली छात्राओं को बीच पहुंच दी कई जानकारियां। महिला सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप इस्तेमाल करने का बताया तरीका।


सूरजपुर। महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इस अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप के माध्यम से महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। इसके अलावा इस एप के माध्यम से महिलाएं कहीं से भी अपनी शिकायत पुलिस के पास दर्ज करा सकेंगी। प्रशिक्षु डीएसपी दीपमाला कुर्रे ने छात्राओं को बताया गया कि वे महिला सुरक्षा एप से तुरंत पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह के मार्गदर्शन में सोमवार, 12 सितम्बर को थाना रामानुजनगर की पुलिस ने अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप के बारे में प्रचार-प्रसार एवं उसके इस्तेमाल को लेकर कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामानुजनगर स्कूल पहुंचे और स्कूली छात्राओं को शिक्षक-शिक्षिकाओं की मौजूदगी में इसके बारे में विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। प्रशिक्षु डीएसपी दीपमाला कुर्रे ने बताया कि इस एप के इस्तमाल के लिए सबसे पहले अपने मोबाइल फोन में प्ले स्टोर से अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप डाउनलोड करना है। इसमें उन्हें साइन इन करना है, अपना मोबाइल नंबर डालना है, ओटीपी आएगा उसे एप में डालना है, केवायसी अपडेट करना है, जिसके बाद महिलाएं कभी भी इस एप के माध्यम से अपनी शिकायत अपलोड कर तुरंत पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकती है। उन्होंने बताया कि इस एप में महिला सुरक्षा से जुड़े कई अहम जानकारियां मौजूद है जिसे जरूर अध्ययन करें। सदैव जागरूक रहने और घटना घटित होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करने अपील किया। एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी ने छात्राओं को यातायात नियमों और बाल सुरक्षा और पास्को एक्ट सहित अनेक जानकारी देते हुए बताया की किसी भी घटना दुर्घटना होने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने, सड़क पर चलते हुए किसी दुर्घटना पर बिना धैर्य खोए स्थानीय पुलिस और एंबुलेंस को सूचना देने, किसी भी तरह की कोई परेशानी होती हैं तो पुलिस को सूचना देने की समझाइश दी, बिना ड्राइविंग लाइसेंस बनाए वाहन न चलाने आदि कई जानकारी दी गई। थाना प्रभारी रामानुजनगर रूपेश कुंतल ने छात्राओं को यातायात नियमों, साइबर सुरक्षा, महिला एवं बाल सुरक्षा, घरेलु हिंसा से बचाव, नशा मुक्ति समेत कानून के विविध प्रावधानों के प्रति जागरूक कर मानसिक रूप से सशक्त बनाना।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।