शनिवार, 30 जुलाई 2022

मोटर सायकल चोर एवं खरीददार को कोतवाली पुलिस ने किया गिरफ्तार, 6 मोटर सायकल किया बरामद

सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर कोतवाली पुलिस मोटर सायकल चोरों की धरपकड़ एवं चोरी की मोटर सायकल बरामदगी में लगी हुई है। इसी क्रम में दिनांक 14 जुलाई को मोटर सायकल चोरी मामले में थाना सूरजपुर पुलिस ने आरोपी आशीष गुप्ता को पकड़ा था जिससे 2 चोरी की मोटर सायकल बरामद करते हुए न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया था। आरोपी के द्वारा कई और मोटर सायकल चोरी करने के संदेह पर माननीय न्यायालय से पुलिस रिमाण्ड लेकर आशीष गुप्ता से बारीकी से पूछताछ किया जिसके बाद कड़ी दर कड़ी मोटर सायकल चोरी एवं उसकी बिक्री का खुलासा हुआ।
            एसडीओपी सूरजपुर गीता वाघवानी के मार्गदर्शन में हुए पूछताछ पर आरोपी आशीष गुप्ता ने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व 1 मोटर सायकल को पीजी कालेज अम्बिकापुर तथा करीब दो वर्ष पूर्व 2 मोटर सायकल को जिला अस्पताल अम्बिकापुर से चोरी किया और ग्राम कोटेया निवासी देवेन्द्र ठाकुर को 1 मोटर सायकल, ग्राम चउरा राजपुर निवासी गिरजा सोनवानी को 1 मोटर सायकल को बिक्री किया था एवं 1 मोटर सायकल को छिपाकर रखना बताया। कड़ी पूछताछ में यह भी बताया कि दो वर्ष पूर्व उसका साथी अमरजीत राजवाड़े अम्बिकापुर से 3 मोटर सायकल चोरी कर इसे बिक्री करने के लिए दिया था उनमें से 1 मोटर सायकल को ग्राम द्धारिकापुर निवासी देवप्रसाद राजवाड़े को बिक्री किया था शेष 2 मोटर सायकल के लिए ग्राहक न मिलने पर अमरजीत राजवाड़े को वापस कर दिया। मामले में पुलिस ने आरोपी अमरजीत राजवाड़े पिता राम गुलाब उम्र 25 वर्ष सा. कोटेया, देवेन्द्र ठाकुर पिता आगेश्वर प्रसाद उम्र 27 वर्ष सा. कोटेया, गिरजा सोनवानी पिता बिसुन उम्र 46 वर्ष सा. चउरा, थाना राजपुर एवं देव प्रसाद राजवाड़े निवासी द्वारिकापुर, थाना जयनगर को दबिश देकर पकड़ा और आरोपियों के निशानदेही पर चोरी के 6 नग मोटर सायकल कीमती करीब 1 लाख 50 हजार रूपये का जप्त कर धारा 41(1-4)/379, 411 भादसं. के तहत कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर प्रकाश राठौर, प्रधान आरक्षक ऐसन पाल, आरक्षक राजकुमार पासवान, सैनिक जहांगीर आलम सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।