मंगलवार, 27 नवंबर 2018

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने डिस्ट्रिक ई मिशन टीम की बैठक ली


सूरजपुर। सीसीटीएनएस योजना के अन्तर्गत थाना में दर्ज होने वाले प्रथम सूचना पत्र सहित अन्य जानकारियां सही एवं समय पर अपलोड हो, विवेचकों के द्वारा साफ्टवेयर में विवेचना का विवरण दर्ज कराने, हार्डवेयर प्राॅब्लम एवं बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के निर्देश पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल ने दिये थे। दिये गये निर्देश के परिपालन में मंगलवार 27 नवम्बर को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर ने डिस्ट्रिक ई मिशन टीम के तहत् थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की बैठक पुलिस कन्ट्रोल रूम के सभाकक्ष में ली।इस दौरान एएसपी श्रीमती मेघा टेंभुरकर ने थानों में सीसीटीएनएस योजना के अन्तर्गत कैश साॅफ्टवेयर में डाटा एन्ट्री के कार्य कर रहे पुलिस कर्मचारियों से उनके थाना/चौकी में इस कार्य के तहत् किसी भी प्रकार की परेशानी की जानकारी ली, थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिया कि अपराध की जांच में विवेचक द्वारा किये गये विवेचना की दाखिला सीसीटीएनएस साॅफ्टवेयर में अनिवार्य रूप देना सुनिश्चित करावें, जिन विवेचकों के द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जावेगी उन्हें दण्डित किया जायेगा। इसके अलावा किसी भी प्रकार की इंट्री पेंडिंग न रखने एवं सीसीटीएनएस के तहत् किये जाने वाले कार्यो को रूचि लेकर करने हेतु निर्देशित किया। 

आमजन भी देख सकेंगे पुलिस के द्वारा दर्ज की गई एफआईआर।

सूरजपुर जिले के सभी थानों में सीसीटीएनएस योजना अन्तर्गत कैश साॅफ्टवेयर में एफआईआर दर्ज की जा रही है जिसे आनलाईन भी देखा जा सकता है। पीड़ित, फरियादी के अलावा आमजन भी पुलिस के द्वारा दर्ज किये गये एफआईआर को सीटीजन पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक प्रथम सूचना पत्र को देख सकती है।
बैठक में सीसीटीएनएस शाखा में पदस्थ आरक्षक विनय दान, मनीष पन्ना, मिथलेश प्रजापति, जिले के थानों में सीसीटीएनएस के तहत् कार्य करने वाले कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।