गुरुवार, 12 मई 2022

खड़गवां पुलिस ने मवेशियों से भरे ट्रक को पकड़ा।2 लाख 80 हजार रूपये कीमत के 28 रास भैंस-भैंसा जप्त, 1 गिरफ्तार

सूरजपुर। दिनांक 11-12 मई 2022 की दरम्यानी रात्रि में चौकी प्रभारी खड़गवां को मुखबीर से सूचना मिला कि ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 5022 में भैंस-भैंसा को क्रूरतापूर्वक भरकर ग्राम दबगड़ी प्रतापपुर से मदननगर धुरमपुर-भरदा होते हुए भैंसामुंडा मेन रोड निकलने वाले है, जिसकी सूचना से पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू को अवगत कराए जाने पर उन्होंने तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह के मार्गदर्शन में चौकी खड़गवां की पुलिस टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए ग्राम मदननगर में घेराबंदी लगाया इसी दौरान एक ट्रक आता दिखाई दिया जो धरमपुर भरदा मार्ग में मुड़ा जिसे रोकने का इशारा करने पर ट्रक चालक ने वाहन को तेज गति से भगाने लगा जिसे कड़ी मशक्कत के बाद रोकवाया गया ट्रक के रूकते ही 3 व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए पुलिस टीम के ट्रक तक पहुंचते ही अंदर बैठा व्यक्ति इस्लाम खान पिता स्व. अलीमुद्दीन खान उम्र 46 वर्ष निवासी ग्राम गुरदी, थाना गढ़वा झारखण्ड भागने की फिराक में थे जिसे पकडा गया। ट्रक तिरपाल से ढका था जिसकी तलाशी लेने पर उसमें 10 रास भैंस व 18 रास भैंसा कुल 28 रास भैंस-भैंसा लोड़ पाया गया, पकड़े गए व्यक्ति से मवेशी के खरीदी-बिक्री-परिवहन के संबंध में दस्तावेज की मांग किए जाने पर कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने पर अपराध क्रमांक 96/22 धारा छ.ग. कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(घ) के तहत कार्यवाही करते हुए 28 रास भैंस-भैंसा कुल कीमत 2 लाख 80 हजार रूपये एवं परिवहन में प्रयुक्त ट्रक कीमती 12 लाख 80 हजार रूपये का जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। मामले में 3 आरोपी फरार है जिनकी सरगर्मी से पतासाजी की जा रही है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी खड़गवां सी.पी.तिवारी, एएसआई धनंजय पाठक, प्रधान आरक्षक धुनेश्वर केरकेट्टा, इन्द्रजीत सिंह, शरद कुमार, आरक्षक दीपक सिंह, चंदेश्वर राजवाड़े, अशोक कुमार, रामाधार सिंह, चमन नेताम सक्रिय रहे। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।