गुरुवार, 31 मार्च 2022

किशोर अपराध की पड़ताल में बरते सावधानी- जिला व सत्र न्यायाधीश सूरजपुर, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला

  • विवेचकों को दी गई जेजे एक्ट व पोक्सो अधिनियम की जानकारी

सूरजपुर।  थानों में विभिन्न आपराधिक मामलों में किशोर न्याय अधिनियम से जुड़े प्रकरण की पड़ताल काफी संवेदनशीलता एवं सावधानी से की जानी चाहिए। बाल मनोविज्ञान एवं जेजे एक्ट के प्रावधान का परिपालन सजगता किया जाना आवश्यक है। यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी है कि कोई भी बालक समाज के प्रतिकूल दिशा में काम न करें। उक्त बातें माननीय जिला व सत्र न्यायाधीश श्री अशोक कुमार साहू ने गुरूवार, 31 मार्च को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सूरजपुर के सभाकक्ष में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित जिला स्तरीय किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि बच्चों व महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान देने जेजे एक्ट बनाया गया है, बच्चों से जुड़े मामले काफी संवेदनशील होते है, ऐसे मामलों में एहतियात बरतते हुए कार्य करने की बात कही। पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यशाला से हमारे पुलिस अधिकारी व विवेचकों को किशोर अपराध से जुड़े मामलों की पड़ताल में सहायता मिलेगी, विवेचक सजगता के साथ नियमानुसार विधि अनुरूप कार्यवाही कर सकेंगे।
            कार्यक्रम में माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती छाया सिंह, माननीय विशेष न्यायाधीश सुश्री रंजू राऊत राय, माननीय प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड श्री गिरीश कुमार मण्डावी, माननीय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती प्रेरणा आहिरे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री हरिश राठौर, एजीपी राजेश गोयल, एडीपीओ सुनील चौरसिया, मेम्बर विशेष किशोर पुलिस राकेश गुप्ता आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में थाना-चौकी प्रभारी व थाना में पदस्थ विवेचकों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। पुलिस के विवेचकों को अधिनियम का पालन करने की समझाइश, आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के पूर्व नाबालिक के आयु का उचित निर्धारण करने, नाबालिग से बिना सख्ती बरते पूछताछ किए जाने समेत अधिनियम के अनुसार दिशा निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी गई है। माननीय विशेष न्यायाधीश सुश्री रंजू राऊत राय ने यह भी कहा कि समाज में नाबालिग को सकारात्मक धारा से जोड़ने में पुलिस की अहम भूमिका है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ए.के.जोशी, सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु, एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी, एसडीओपी सूरजपुर गीता वाधवानी, डीएसपी नंदिनी ठाकुर, किशोर न्याय बोर्ड के ललिता जायसवाल, आरती दीक्षित, अमित भाटिया, हरिभारती, कार्तिक मजुमदार, थाना-चौकी प्रभारी व थाना में पदस्थ विवेचकगण मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।