बुधवार, 16 मार्च 2022

जिला चिकित्सालय सूरजपुर में प्रारंभ हुआ पुलिस सहायता केन्द्र, पुलिस सहायता केन्द्र का नवजात शिशु और उसकी माँ ने फीता काटकर किया शुभारंभ

कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व सीईओ की मौजूदगी में हुआ शुभारंभ

सूरजपुर। जिला चिकित्सालय में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने, मरीज एवं उनके परिजनों को पुलिस सहायता, असामाजिक तत्वों पर निगरानी, घटना-दुर्घटना के पीड़ितों को तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराने को लेकर बुधवार, 16 मार्च 2022 को जिला चिकित्सालय सूरजपुर में पुलिस सहायता केन्द्र का शुभारंभ कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल, सीईओ श्री राहुल देव की मौजूदगी में हुआ। सहायता केन्द्र के शुभारंभ में अनोखी बात यह रही कि किसी अधिकारी ने नहीं बल्कि इस पुलिस सहायता केन्द्र का 2 दिन की नवजात बच्ची अमृता और उसकी मॉ मनिता सिंह के द्वारा फीता काटकर किया गया। शुभारंभ के बाद कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व सीईओ ने नवजात बच्ची को उपहार भेंट किया। पुलिस सहायता केन्द्र के विजिट रजिस्टर में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व सीईओ ने शुभकामनाएं लिखी और सहायता केन्द्र प्रभारी एएसआई शोभित राम को आमजनता की सहुलियत, घटना-दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने के साथ ही पूरे परिसर में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने तत्परतापूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में सहायता केन्द्र खुल जाने से अब चिकित्सालय स्टाफ को तहरीर लेकर थाने तक जाने की जरूरत नहीं होगी तो वहीं मृतकों का पीएम करवाने की जिम्मेदारी भी सहायता केन्द्र प्रभारी की होगी। शुभारंभ अवसर पर डीएफओ मनीष कश्यप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एएसपी पी.एस.महिलाने, सीएमएचओ डॉ. आर.एस.सिंह, सिविल सर्जन डॉ. शशि तिर्की, एसडीएम रवि सिंह, डीएसपी नंदिनी ठाकुर, थाना प्रभारी सूरजपुर दीपक पासवान, एएसआई बृजकिशोर पाण्डेय सहित पुलिस व चिकित्सालय के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।