बुधवार, 17 नवंबर 2021

माननीय सत्र न्यायाधीश ने मानव तस्करी मामले में आरोपियों को दी 10-10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा


सूरजपुर।
दिनांक 20.05.19 को सूरजपुर थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने थाना सूरजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि करीब 2-3 माह पूर्व पलढ़ा निवासी रामसेवक टोप्पो जो प्रार्थियां का रिश्ते में मामा लगता था इसके घर में आकर दिल्ली में नौकरी दिलाने की बात बोलकर इसे एवं इसकी 2 बहनों व 1 लड़के को अपने साथ दिल्ली निवासी अशोक कुमार के यहां लेकर गया जहां 1-2 दिन बाद प्रार्थिया का स्वास्थ्य खराब होने से 1 लड़के के साथ दिल्ली से अपने घर वापस आ गई। वापस आते समय इसने अपने बहनों को भी वापस भेजने हेतु आग्रह करने लगी पर नान्हू, अशोक तथा रामसेवक टोप्पो के द्वारा उन्हें वापस भेजने से मना कर दिया। जिसके बाद आरोपीगण पीड़िता के बहनों को जबरन बंधक बनाकर रखने तथा जबरन काम करा रहे थे।
            प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना सूरजपुर में अपराध क्रमांक 190/19 धारा 365, 373, 374, 34 भा.दं.सं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। थाना सूरजपुर की पुलिस ने प्रार्थियां के बताये अनुसार टीम बनाकर दिल्ली रवाना हुए। जहां आरोपी रामसेवक टोप्पो का पतासाजी कर हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर आरोपी रामसेवक द्वारा पीड़ित बालिकाओं को नान्हू एवं अशोक की मदद से काम कराने के लिए राजस्थान ले जाने की बात बताने पर मेमोरण्डम कथन लेखकर रामसेवक की निशानदेही पर राजस्थान रवाना होकर पीड़ित बालिकाओं एवं आरोपी नान्हू कुमार के कब्जे से दिनांक 25.05.19 को बरामद किया गया। पूछताछ के बाद पीड़ित बालिकाओं को बाल कल्याण समिति सूरजपुर में पेश कर काउन्सलिंग कराये जाने पश्चात् माननीय न्यायालय में धारा 164 जा.फौ. के तहत कथन कराया गया। मामले के तीसरे आरोपी अशोक कुमार जो जिला जेल मण्डला मध्यप्रदेश में अन्य प्रकरण में निरूद्ध होने से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त किया। सम्पूर्ण विवेचना पर थाना सूरजपुर में पदस्थ तत्कालीन एसआई रश्मि सिंह के द्वारा करते हुए आरोपीगणों के विरूद्ध अपराध धारा का घटित करना पाए जाने से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रकरण अजमानतीय होने से माननीय न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। मामले के विवेचक ने प्रकरण में साक्ष्य संकलित कर आरोप पत्र माननीय न्यायालय सूरजपुर में पेश किया था।
            मामले की सम्पूर्ण सुनवाई विद्वान न्यायाधीश श्री हेमंत सराफ माननीय सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के यहां हुई। माननीय न्यायालय में मामले की सुनवाई पूर्ण करते हुये सम्पूर्ण गवाही शासन की ओर से लोक अभियोजक योगेन्द्र सिंहदेव द्वारा कराया गया। जिसमें पीड़ित बालिकाओं का कथन एवं गवाहों के कथन से आरोपीगणों के विरूद्व अपराध सिद्ध पाए जाने से आरोपी (1) रामसेवक टोप्पो पिता रघुनाथ टोप्पो ग्राम पलढ़ा, थाना प्रतापपुर (2) नान्हू कुमार पिता स्व. चौधरी कंवर निवासी सोहरपाठ, थाना नेतरहाट, जिला लातेहार झारखण्ड (3) अशोक कुमार पिता चलित्तर मुखिया निवासी इन्द्रा इनक्लेव-02 फ्लोर-10, थाना नेबसराय, जिला मेहरौली नई दिल्ली को धारा 365, 34 भा.दं.सं. में 3-3 वर्ष (दो बार) के कठोर कारावास व 500-500 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 370, 34 भा.दं.स. (दो बार) के अपराध में 10-10 वर्ष कठोर कारावास व 500-500 रूपये के अर्थदण्ड तथा धारा 374, 34 भा.दं.स. (दो बार) के अपराध में 6-6 माह कठोर कारावास व 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।