शुक्रवार, 14 मई 2021

आन लाइन ठगी का शिकार हुए 2 लोगों के 26478 रूपये सूरजपुर पुलिस ने वापस दिलाए.....

पुलिस के साईबर सेल की मदद से मिली रकम, सतर्कता बरतने पुलिस की अपील।

सूरजपुर: आनलाईन ठगी का शिकार होकर रकम गंवाने वाले 2 व्यक्तियों के 26478 रूपए पुलिस की साइबर सेल की मदद से वापस मिल सके है। किसी भी तरह से आमजन धोखाधड़ी का शिकार न हो इसके लिए पुलिस ने सतर्क रहने की हिदायत सभी को दी है।
          दिनांक 7 मई 2021 को सतपता विश्रामपुर निवासी नितिन सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय सूरजपुर को लिखित आवेदन पत्र भेजा कि बीते दिन एक व्यक्ति के द्वारा अपने आप को कृषि विभाग का बताते हुए कहा गया कि बोनस का 12500/-रूपये आया है जिसका भुगतान फोन पे के माध्यम से करना है आपको एक लिंग दिया जा रहा है जिसमें क्लीक करने पर पैसा आपके खाते में आ जायेगा ऐसा कहते हुए अपने बातों में उलझाकर 5 ट्रान्जेंक्शन करते हुए कुल 81983/-रूपये का धोखाधड़ी करते हुए आनलाईन रकम ट्रान्सफर कर लिया। इसी प्रकार जयनगर के ग्राम रविन्द्रनगर निवासी विक्रम दास ने लिखित आवेदन पत्र दिया कि उसका खाता सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया में है जिसमें 21 हजार रूपये थे जो 5 मई को इसके मोबाईल फोन पर कस्टमर केयर के नाम पर फोन आया कि 499/- रूपये का कैसबैक आया जिसे खाते में लेने के लिए फोन पे का यूपीआई पिन दबाए जिसके झांसे में आकर इसने अपना यूपीआई पिन नंबर दबा दिया जिसके बाद इसके बैंक खाते से 20797/- रूपये कट गए।
          दोनों मामले की सूचना पर पीड़ितों को पैसा जल्द वापस दिलाने के लिए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने साईबर सेल को पूरी डिटेल निकालने, फोन पे कंपनी से सम्पर्क कर रकम होल्ड कराने एवं संबंधित के खाते में पैसा वापस करवाने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
          साईबर सेल की टीम ने दोनों मामले की पूरी जानकारी सहित बैंक का स्टेटमेंट निकलवाया और फोन पे कंपनी को हुए धोखाधड़ी के बारे में ईमेल के जरिए अवगत कराते कि किस तरह धोखाधड़ी करते हुए रकम को अलग-अगल बैंकों में ट्रान्सफर की गई है। सूरजपुर पुलिस की सक्रियता एवं लगातार प्रयासों के बाद नितिन सिंह के मामले में 23 हजार रूपये को होल्ड करा दिया गया जो प्रार्थी को जल्द मिल जायेंगे तो वहीं विक्रम दास को 3478/- रूपये उसके खाते में वापस कराई गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शेष रकम को जल्द से जल्द वापस कराने लगातार प्रयास जारी है।

यह ध्यान रखने की जरूरत।

पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने सतर्कता रखने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। जिसमें कहा गया कि अपने खातों की नियमित जांच करते रहें। मोबाइल टॉवर लगाने के नाम से आने वाले फोन कॉल, विज्ञापनों से सावधान रहें। फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य मैसेंजर पर किसी परिचित या मित्र द्वारा हो रही रुपयों की मांग बिना जांचे या कॉल करके पुष्टि कर लें और रुपए भेजने से बचें। कस्टमर केयर का संपर्क नंबर गूगल से मिलने पर भरोसा ना करें। सिर्फ असली वेबसाइट से ही नंबर लेंकस्टमर केयर नंबर 1800 से ही शुरू होता है ना कि किसी मोबाइल नंबर के डिजिट से। अज्ञात नंबर या कंपनी के नाम से आए मैसेज में दी गई लिंक पर क्लिक न करें। प्रोमोकार्ड, रिवार्ड प्वाइंट कैशबैक के लालच में न आएं। लॉटरी लगने के नाम से आए हुए व्हाट्सएप कॉल से सावधान रहें। ओएलएक्स एप में खरीदी बिक्री से पहले सावधान रहें ताकि ठगी का शिकार होने से बच सकें। ऑन लाइन मनी ट्रांसफर साइट जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम में अज्ञात लिंक को क्लिक करने से बचें। सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप में कम कीमत बिक्री के पोस्ट पर भरोसा नहीं करें। मोबाइल एप्लीकेशन जैसे एनी डेस्क, टीम व्यूअर का यूजर आइडी एवं पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति को नहीं दें। साथ ही किसी के कहने पर डाउनलोड भी नहीं करें। किसी अपरचित को फोन पर या लिंक के जरिए अपने बैंक खाते की जानकारी जैसे पिन, ओटीपी, सीवीवी, यूपीआई कार्ड डिटेल साझा ना करें। धोखाधड़ी करने वाले रजिस्ट्रेशन के नाम पर छोटी राशि जमा कराते हुए बैंक खातों का डिटेल लेकर ठगी कर जाते हैं। अपने कैडिट व डेविट कार्ड को अपनी नजरों के सामने ही स्वाइप कराएं। एटीएम से किसी अनजान व्यक्ति से रकम आहरण में मदद न लें।
          इस कार्यवाही में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एसडीओपी प्रतापपुर प्रशांत खाण्डे, आरक्षक युवराज यादव, रौशन सिंह व विनोद सारथी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।