शनिवार, 27 मार्च 2021

सूरजपुर पुलिस ने 10 लाख कीमत के गुम हुए 42 मोबाईल बरामद कर संबंधित को सौंपा................

लगातार जारी रहेगा अभियान- पुलिस अधीक्षक सूरजपुर।

सूरजपुर: जिले से गुम हुए मोबाइलों को खोजने के लिए सूरजपुर पुलिस की ओर से विशेष अभियान चलाया गया। शनिवार 27 मार्च 2021 को बरामद हुए 42 मोबाइलों को संबंधित व्यक्तियों को सौंपे गए। यह मोबाइल सर्विलांस में लगाकर ट्रेस किए गए थे। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा के निर्देशन में गुम हुए मोबाइल को खोजने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें साइबर सेल को आवश्यक निर्देश दिए गए कि जो मोबाइल गुम होने संबंधी आवेदन प्राप्त हुए उनका तुरंत ही निराकरण किया जाए। जिस पर सर्विलांस में लगाकर गुम मोबाईल को ट्रेस किए गए। मोबाइल बरामद होने पर आवेदकों को उनके मोबाईल सुपुर्द किए गए।
करीब 10 लाख रुपए की कीमत के 42 मोबाइल सुपुर्द किए।
          जिनमें आवेदक ए.आर.मानिकपुरी, ऋषि देवांगन, रमन सिंह, जीवधन प्रजापति, जर्नादन प्रसाद, राजेन्द्र केरकेट्टा, अंजली रवि, जितेन्द्र राजवाड़े, विवेक, संजय, दिलीप देशमुख, संधारी राम देवांगन, ओ.पी.तिवारी, ओमप्रकाश राजवाड़े, अंचल साहू, शशि कुमार सिन्हा, आदित्य सिंह, विलोन बड़ा, राकेश यादव, जयकरन सिंह, सुरेश कुमार को उनके गुम हुए मोबाईल दी गई। इसके अलावा 22 अन्य लोग जो जिले के विभिन्न क्षेत्र के निवासी है उन्हें संबंधित थाना-चौकी के माध्यम से मोबाईल को सौंपा जाएगा। मोबाइल खोजने में साइबर सेल से आरक्षक युवराज यादव, रौशन सिंह, विनोद सारथी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
लगातार जारी रहेगा अभियान।
          पुलिस अधीक्षक श्री कुकरेजा ने बताया कि जिले की पुलिस के द्वारा गुम हुए मोबाईल खोजने का यह अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन नागरिकों के मोबाईल गुमे थे उनके मोबाईल को खोजकर उन्हें वापस की गई है, मोबाईल पाकर नागरिकों में संतोष का भाव दिखा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी गुम मोबाईलों को खोज जिले की पुलिस ने संबंधित व्यक्तियों को सौंपा था। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, कार्यालय अधीक्षक संतोष वर्मा, अखिलेश सिंह, एएसआई संजय सिंह, जे.एन.साहू सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।