गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

सूरजपुर पुलिस ने चलित थाना लगाकर लोगों की सुनी समस्या............

साइबर क्राईम, धोखाधड़ी से नागरिकों को किया जागरूक।

सूरजपुर: पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा के द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने हेतु ग्रामों में चलित थाना लगाने के निर्देश जिले के थाना-चैकी प्रभारियों को दिए है। इसी परिपेक्ष्य में बुधवार 10 फरवरी 2021 को थाना प्रभारी चंदौरा के द्वारा परमेश्वरपुर गांव में चलित थाना का आयोजन किया गया। इस संबंध में आईजी सरगुजा रेंज श्री आर.पी.साय के भी निर्देश प्राप्त हुए थे।
          चलित थाना में पुलिस ने ग्रामीणों को कानून, साइबर क्राईम, वर्तमान में हो रहे धोखाधड़ी से जागरूक रहने की जानकारी देते हुए उनकी समस्याएं भी सुनी। चलित थाना में ग्रामीणों की ओर से पुलिस विभाग से संबंधित कोई भी शिकायत अथवा समस्या नहीं होना बताया बल्कि कई ग्रामीणों ने कम वोल्टेज की समस्या बताई और गांव में लगे छोटा ट्रान्सफार्मर के स्थान बड़ा ट्रान्सफार्मर की आवश्यकता बतलाई जो थाना प्रभारी ने बिजली विभाग के अधिकारी को इससे अवगत कराया है।
           थाना प्रभारी चंदौरा एन.के.त्रिपाठी के द्वारा चलित थाना में मौजूद जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों से चर्चा कर गांव की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों को कानून की जानकारी देते हुए अपराध से बचने की समझाईश दी। थाना प्रभारी ने वर्तमान दौर में किए जा रहे फ्राड जिनमें बैंक एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने तथा बैंक का अधिकारी अथवा कर्मचारी बनकर मोबाइल से आधार कार्ड एवं एटीएम कार्ड की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर बैंक खातों से रकम पार करने की घटित हो रही घटनाओं की विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को देते हुए ठगी का शिकार होने से बचने की सलाह दी। इसी क्रम में उन्होंने सोने के जेवरात डबल करने के नाम पर की जा रही ठगी की जानकारी नहीं ग्रामीणों को दी साथ ग्रामीणों को यातायात नियमों की जानकारी देते हुए उसका पालन करने की अपील की।
          इस दौरान बीडीसी ज्योति पैंकरा, परमेश्वरपुर सरपंच कुमारी बाई, सुखलाल देवांगन, जी.पी. गुप्ता, श्याम बिहारी, बालमुकुंद, करमचंद, नंदकिशोर गुप्ता, ईश्वर प्रसाद पैंकरा, जगदीश, सुखलाल कोडाकू, जमुना यादव, सुधार बरगाह, शंकर देवांगन आरक्षक महेन्द्र सिंह व अखिलेश दुबे सहित काफी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।