शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

सूरजपुर पुलिस ने वर्षो से फरार 5 स्थाई वारंटी पकड़ा.......

सूरजपुर: आपराधिक मामलों में फरार स्थाई वारंटियों को अभियान चलाकर धरपकड़ करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा ने जिले के थाना-चैकी प्रभारियों को दिए थे। इसी परिपेक्ष्य में थाना रामानुजनगर पुलिस के द्वारा अभियान चलाकर अनाचार, धोखाधड़ी, मारपीट, आबकारी एक्ट व 1 अन्य प्रकरण में वर्षो से फरार 5 स्थाई वारंटी को पकड़ माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया है।
          एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में धारा 363, 366, 376 भादवि व पोक्सो एक्ट की धारा 4 के स्थाई वारंटी रामेश्वर उरांव पिता गोरेलाल उम्र 19 वर्ष निवासी भगवानपुर, थाना प्रेमनगर, धारा 420 भादवि के स्थाई वारंटी दीपक दास देवांगन पिता बयादास उम्र 22 वर्ष निवासी सरईपारा थाना रामानुजनगर, धारा 294, 506, 323 भादवि के स्थाई वारंटी बलवंत राजवाड़े पिता गंभीर साय राजवाड़े उम्र 23 वर्ष निवासी कैलाशपुर, थाना रामानुजनगर, धारा 34(2) आबकारी एक्ट के स्थाई वारंटी रामेश्वर प्रसाद साहू पिता प्रेमसाय उम्र 40 वर्ष निवासी उमापुर व धारा 138 परकाम्य लिखित अधिनियम 1981 के स्थाई वारंटी हेम सिंह ग्राम तिवरागुड़ी थाना रामानुजनगर के विरूद्व माननीय न्यायालय के द्वारा स्थाई वारंट जारी किया गया था जिनकी तलाश पुलिस कर रही थी।
          थाना प्रभारी रामानुजनगर गोपाल धुर्वे व उनकी पुलिस टीम के द्वारा स्थाई वारंटियों पर नजर रखी जा रही थी इसी बीच पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि उपरोक्त स्थाई वारंटी अपने सकुनत पर आए हुए है जो वर्षो से फरार थे। पुलिस की टीम ने इन पांचों स्थाई वारंटियों को पकड़ने अलग-अलग पुलिस टीम को लगाया जो पुलिस टीम ने इन पांचों वारंटियों को पकड़ा और माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया। सूरजपुर पुलिस द्वारा स्थाई वारंटी की धरपकड़ का यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
          इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रामानुजनगर गोपाल धुर्वे, एएसआई बृजेश यादव, प्रधान आरक्षक फिरोज खान, आरक्षक दीपक यादव, रविशंकर साहू, देवान सिंह व महिला आरक्षक सिंधू कुजूर सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।