गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने स्ट्रांग भटगांव व जरही का किया औचक निरीक्षण......

स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में किसी किस्म की कोताही न बरतने सीएएफ के जवानों को दिए निर्देश...

सूरजपुर। नगरीय निकाय चुनाव हेतु बनाए गए स्ट्रांग रूम से चुनाव सामग्री का वितरण एवं चुनाव समाप्ति बाद वापस चुनाव सामग्री जमा किया जाना है। बुधवार 18 दिसम्बर की देर रात्रि भटगांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व जरही के मैत्री भवन में बनाए गए स्ट्रांग रूम का पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में लगे सीएएफ के जवानों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि सुरक्षा में किसी किस्म की कोताही न बरते, मुस्तैदी से ड्यूटी करें। उन्होंने जवानों को कहा कि थाना से कनेक्टिविटी हेतु वायरलेस हैंडसेट दी गई है प्रत्येक घंटे थाना को खैरियत से अवगत कराए। उन्होंने जवानों से सेट पर थाना को प्वाईट भी दिलवाई। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में तैनात जवानों को कहा कि अनाधिकृत व्यक्ति को कतई प्रवेश न करने दें। किसी प्रकार की समस्या पर तत्काल थाना प्रभारी को अवगत हेतु कहा। थाना प्रभारी भटगांव किशोर केंवट को स्ट्रांग रूम के जवानों से सतत सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने भटगांव व जरही के कई मतदान केन्द्रों का भी जायजा लिया।

इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी, एसडीओपी ओड़गी मंजूलता बाज, तहसीलदार नंदजी पाण्डेय, थाना प्रभारी भटगांव किशोर केंवट, निरीक्षक केशव नारायण आदित्य, भूपेन्द्र कुर्रे, एसआई आराधना बनोदे, एएसआई संजय सिंह उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।