बुधवार, 18 दिसंबर 2019

कोतवाली सूरजपुर से फरार हुए अपचारी बालक को पुलिस ने पकड़ा...........

सूरजपुर। कोतवाली सूरजपुर में पंजीबद्व अपराध क्रमांक 466/19 धारा 363, 366 भादवि के मामले में दिनांक 16/12/19 को कोतवाली पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली की मामले के अपहृता को अपचारी बालक ने बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। सूचना पर कोतवाली पुलिस ने अपचारी बालक के कब्जे से अपहृता को दस्तयाब कर अपचारी बालक को पुलिस अभिरक्षा में लिया। मामले में पुलिस ने विवेचना के दौरान पीड़िता को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाना एवं जबरन अनाचार करने पर प्रकरण में धारा 376 भादवि, पाक्सो एक्ट की धारा 6 एवं एसटीएससी एक्ट की धारा जोड़ी गई। 17 दिसम्बर की सुबह मामले के अपचारी बालक पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। कोतवाली पुलिस ने पुलिस अभिरक्षा से फरार होने पर अपचारी बालक के विरूद्व धारा 224 भादवि के तहत् मामला पंजीबद्व किया।
अपचारी बालक के पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने फरार अपचारी बालक की पतासाजी कर उसे पकड़ने हेतु थाना प्रभारी सूरजपुर धर्मानंद शुक्ला व थाना प्रभारी विश्रामपुर कपिलदेव पाण्डेय व उनकी पुलिस टीम को निर्देशित किया।
पुलिस की संयुक्त टीम ने सूझबूझ का परिचय देते हुए मुखबीर की सूचना पर फरार अपचारी बालक को उसके गृहग्राम से पकड़ा और पुलिस अभिरक्षा में लिया। फरार होने के बाद से अपचारी बालक अपने गांव में लुक-छिप कर रह रहा था। कोतवाली पुलिस ने दोनों मामलों में अपचारी बालक के विरूद्व वैधानिक कार्यवाही कर रही है।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर धर्मानंद शुक्ला, थाना प्रभारी विश्रामपुर कपिलदेव पाण्डेय, एएसआई सोहन सिंह, प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र सिंह, आरक्षक सुरेश साहू, रावेन्द्र पाल, रामकुमार नायक, राजू तिवारी, कुन्दन सिंह का सराहनीय योगदान रहा।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।