रविवार, 22 सितंबर 2019

एएसपी हरीश राठौर ने ली कोर्ट मोहर्रिरों की बैठक...

समंस-वारंट शत-प्रतिशत तामीली पर पीड़ित को माननीय न्यायालय से मिलेगी जल्द न्याय

सूरजपुर। फरियादी, पीड़ित व्यक्ति को सुलभ न्याय तत्काल मिले इसके लिए आवश्यक है कि माननीय न्यायालय द्वारा जारी समंस-वारंट की तामीली समय पर शत्-प्रतिशत थाना-चैकी के माध्यम हो, कोर्ट मोहर्रिर एवं थानों से न्यायालयीन कार्य हेतु जाने वाले कर्मचारी के बीच आपसी सामान्जस्य बनाकर कार्य करने के उद्देश्य से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर ने रविवार 22 सितम्बर को जिला पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में कोर्ट मोहरिर्रो की बैठक ली।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर ने कोर्ट मोहर्रिरों को कहा कि माननीय न्यायालय के द्वारा जिस तारीख को समंस-वारंट जारी किए जाते है उन्हें उसी दिन संबंधित थाना-चैकी को भेजी जावे ताकि उसकी तामीली शत्-प्रतिशत सुनिश्चित हो। थाना-चैकी से न्यायालयीन कार्य हेतु जाने वाले कर्मचारी से इस बावत् सामान्जस्य स्थापित करें। उन्होंने कहा कि आपके सजग रहकर कार्य करने से समंस-वारंट की तामीली सही समय होगी और फरियादियों को माननीय न्यायालय से जल्द न्याय मिलेगा।
एएसपी श्री राठौर ने कहा कि जिले के थाना-चैकी प्रभारियों को अपराधों की जांच विवेचना के दौरान आवेदक, गवाहों के कथनों एवं अभियोग पत्र में विवेचकों के नाम, पदस्थापना स्थल एवं मोबाईल नंबर का उल्लेख अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए है ताकि समंस-वारंट जारी होने पर उसकी तामीली हेतु संबंधित से सम्पर्क स्थापित की जा सके।
इस दौरान डीएसपी मुख्यालय पी.एस.महिलाने, आरक्षक बीरसाय लकड़ा, मनोहर राजवाड़े, संजय सोनवानी, भोला प्रसाद, दिपेश सोनी, कपिल खेस, दिनेश मिंज, हरिशचन्द्र चक्रधारी, महेत्तर सिंह, महिला आरक्षक सुमित्रा साहू, नील कश्यम, रामकुंवर मरावी, अजयवंती राजवाड़े उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।