शुक्रवार, 7 जून 2019

एसडीओपी सूरजपुर ने डिस्ट्रिक ई मिशन टीम की बैठक ली

एक क्लीक से मिलेगी अपराधों की ऑनलाइन फ्लैक्सी रिपोर्ट की जानकारी

सूरजपुर सीसीटीएनएस योजना के अन्तर्गत चल रहे कार्यो, योजना के अन्तर्गत फिल किए जा रहे एफआईआर में समुचित दाखिला की समीक्षा करने एवं पुलिस कर्मचारी अपराधों की हेडवाईस जानकारी एक क्लीक के माध्यम से किस प्रकार निकाल सकते है इस हेतु उन्हें प्रशिक्षण देने के निर्देश पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल ने दिए थे। 
निर्देश के परिपालन में शुक्रवार 07 जून को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के मार्गदर्शन में एसडीओपी सूरजपुर मनोज ध्रुव के द्वारा डिस्ट्रिक ई मिशन टीम के तहत् थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की बैठक पुलिस कन्ट्रोल रूम के सभाकक्ष में ली।
इस दौरान एसडीओपी मनोज ध्रुव ने थानों में सीसीटीएनएस योजना के अन्तर्गत कैश साॅफ्टवेयर में डाटा एन्ट्री के कार्य कर रहे पुलिस कर्मचारियों से अब तक प्रथम सूचना पत्र सहित अन्य प्रपत्र अपलोड करने संबंधी जानकारी ली और उन्हें थाना में किए जाने वाले मैनुअल कार्य से इलेक्ट्रानिक कार्य की ओर अग्रसर होने की कड़ी में बताया कि डेस्क बोर्ड में दिये गए ऑपशन को सलेक्ट कर एक क्लीक के माध्यम से ऑनलाईन फ्लैक्सी रिपोर्ट जिसमें अपराधों की जानकारी हेडवाईस निकाली जा सकती है उसकी जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस साॅफ्टवेयर में वर्ष 2002 से अभी तक के सारे प्रथम सूचना पत्र का दाखिला अपलोड किया जा चुका है। पूर्व में पुलिस कर्मचारियों को लंबित अपराध, अपराधों की संख्यात्मक एवं त्रिवर्षीय तुलनात्मक जानकारी बनाने में 1 से 2 दिन का समय लग जाता था किन्तु सीसीटीएनएस डेस्कबोर्ड के माध्यम से कर्मचारी अब कुछ ऑपशन सलेक्ट कर एक क्लीक के माध्यम से जानकारी हासिल कर सकेंगे जिससे उनका काफी समय बचेगा।
बैठक में आरक्षक मनीष पन्ना, मिथलेश प्रजापति, सीएसपी, एसडीओपी कार्यालय सहित जिले के थानों में सीसीटीएनएस के तहत् कार्य करने वाले प्रधान आरक्षक एवं आरक्षकगण उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।