शनिवार, 23 मार्च 2019

पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को डाकमत पत्र भरने दिया गया प्रशिक्षण


सूरजपुर। आगामी लोकसभा चुनाव-2019 को दृष्टिगत् रखते हुए पुलिस के अधिकारी-कर्मचारीगण अपने मतों का उपयोग डाकमत पत्र के माध्यम से करेंगे। डाकमत पत्र सही नहीं भरे जाने के कारण वह निरस्त न हो, डाकमत पत्र के माध्यम से पुलिस के अधिकारी/कर्मचारीगण अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें जिसकी उन्हें जानकारी देने के निर्देश पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल ने दिए थे।
निर्देश के परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर ने लोकसभा निर्वाचन 2019 में पुलिस के अधिकारी-कर्मचारीगण अपने मताधिकार का उपयोग डाकमत पत्र के माध्यम से करेंगे जिन्हें डाकमत पत्र पूर्ण एवं सही भरने प्रशिक्षण सह बैठक का आयोजन शनिवार 23 मार्च को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया। इस दौरान एएसपी हरीश राठौर ने कहा कि सभी को मतदान का अधिकार है, पुलिस के अधिकारी-कर्मचारीगण चुनाव के दौरान पोलिंग बूथों में सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी पर तैनात रहते है जिस कारण वे अपने मतदान केन्द्र पर जाकर अपने मत का उपयोग नहीं कर पाते। पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी अपने मत का उपयोग डाकमत पत्र के माध्यम से कर सकेंगे। प्रशिक्षण सह बैठक में एएसपी श्री राठौर ने डाकमत पत्र के सभी प्रारूप में जानकारियां किस प्रकार भरी जानी है, डाकमत पत्र भरने के बाद राजपत्रित अधिकारियों से अनुप्रमाणन कराने की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने विशेष तौर कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने व हटाने के कारण सरल क्रमांक बदल सकती है इसलिए सभी डाकमत भरने के पूर्व निर्वाचन के वेबसाईट से मतदाता सूची में अपना सरल क्रमांक, भाग संख्या अवश्य देख ले। बैठक में बीपीओ प्रतापपुर राकेश मोहन मिश्र के द्वारा भी डाकमत पत्र भरने की जानकारी दी। 
बैठक में डिप्टी कलेक्टर रवि सिंह, पुष्पेन्द्र शर्मा, सीएसपी डी.के.सिंह, डीएसपी मुख्यालय प्रकाश सोनी, एसडीओपी प्रेमनगर चंचल तिवारी, एसडीओपी ओड़गी मंजूलता बाज, डीएसपी अजाक बालसाय केरकेट्टा सहित पुलिस के अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।