शनिवार, 24 दिसंबर 2016

लूट मामले के दो आरोपी गिरफ्तार




सूरजपुर । ग्राम पचिरा निवासी जो उप स्वास्थ्य केन्द्र जिला कोरिया में एमपीडब्ल्यू के पद पर पदस्थ विजेन्द्र राजवाड़े गत् 1 दिसम्बर के शाम करीब 4.00 बजे अम्बिकापुर से केतका रोड़ होते हुये परशुरामपुर मोटर सायकल से जा रहा था तभी रास्ते में देवीपुर जंगल के पास चार व्यक्ति तुलसी साहू, खेलसाय, महेन्द्र एवं सूरज धोबी के द्वारा विजेन्द्र से 10 हजार रू. नगदी, सैमसंग मोबाईल एवं सोनाटा कंपनी का घड़ी कुल कीमती 15 हजार रूपये को लूट करते हुये मारपीट किये तथा अपने को टीआई का आदमी है बोला गया। आवेदक विजेन्द्र की रिपोर्ट पर थाना सूरजपुर में आरोपियों के विरूद्व अपराध क्र. 533/16 धारा 394, 34 भादवि के तहत् मामला पंजीबद्व किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक सूरजपुर डी.आर.आंचला ने मामले के आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने हेतु निर्देशित करते हुये सीएसपी डी.के.सिंह के नेतृत्व में थाना सूरजपुर एवं क्राईम ब्रांच की टीम गठित की गई। प्रकरण में पहली सफलता दिनांक 04 दिसम्बर को लगी आरोपी खेलसाय राजवाड़े को पुलिस टीम ने घेराबंदी कर पकड़ा जिसके कब्जे से प्रार्थी का घड़ी एवं 1 हजार रू. नगदी रकम बरामद किया गया। मामले में जांच जारी ही थी कि मुखबीर के सूचना के आधार पर थाना सूरजपुर एवं क्राईम ब्रांच की टीम ग्राम देवीपुर के जंगल में घेराबंदी कर आरोपी ग्राम देवीपुर निवासी तुलसी साहू एवं महेन्द्र लोहार को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से लूट की गई रकम 2 हजार रूपये बरामद किया गया। प्रकरण के आरोपी घटना दिनांक से ही फरार थे इनके द्वारा देवीपुर जंगल में आतंक का माहौल बना दिया गया था। दोनों गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। प्रकरण में एक आरोपी फरार है जिसकी पतासाजी की जा रही है। इस कार्यवाही में सीएसपी डी.के.सिंह, थाना प्रभारी सूरजपुर अनूप एक्का, क्राईम ब्रांच प्रभारी सी.पी.तिवारी, एएसआई प्रमोद पाण्डेय, सुनील सिंह, माधव सिंह, प्रधान आरक्षक अभिषेक पाण्डेय, राहुल गुप्ता, बिसुनदेव पैकरा, आरक्षक महिपाल सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह, महिपाल सिंह, अनूज सिंह, संजय व अन्य आरक्षकगण सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।