शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

पुलिस अधीक्षक ने ली क्राईम मिटिंग, दिए आवश्यक दिशा निर्देश



सूरजपुर। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर डी.आर.आंचला ने क्राईम मिटिंग आज पुलिस कन्ट्रोल रूम के सभाकक्ष में ली जिसमें वर्ष के अंत में लंबित अपराध, शिकायत को न्यूनतम स्तर पर लाने अथवा लंबित संख्या शून्य कर देने के संबंध में विस्तृत समीक्षा कर थाना/चौकी प्रभारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। इस दौरान एसपी श्री आंचला ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि लंबित अपराध व शिकायत का निराकरण किया जाना है किन्तु जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण निराकरण नहीं करेंगे, अपने सीएसपी या एसडीओपी से उचित मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्यवाही करने, गुम इंसान दस्तयाब करने हेतु विशेष अभियान चलाकर दस्तयाब करने, सभी राजपत्रित अधिकारियों को अपने अनुविभाग के थानों में लंबित अपराधों एवं शिकायतों के निराकरण हेतु समीक्षा बैठक लेने, स्थाई वारंट की तामीली करने, लंबित शिकायतों की जांच शीघ्र पूर्ण करने, ग्राम भ्रमण करने, गुण्डा तथा निगरानी बदमाशों की नियमित चेकिंग करने, झगड़ालू व सीमावर्ती ग्राम में नियमित रूप से प्रभावी गश्त करने निर्देशित किया। ग्राम दतिमा में जम्बूरी कार्यक्रम में पुलिस विभाग की ओर से एडिशनल एसपी एस.आर.भगत को नोडल अधिकारी एवं सीएसपी डी.के.सिंह को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्ति किया गया है।  मीटिंग के दौरान एसपी श्री आंचला ने मुख्य रूप से कहा कि पुलिस का कार्य पारदर्शी और पीड़ितों को तत्काल न्याय देने वाला होना चाहिए इस हेतु थाना प्रभारियों को आवश्यक कार्य करने निर्देशित किया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस.आर.भगत, सीएसपी डी.के.सिंह, एसडीओपी ओड़गी जे.एल.लकड़ा, स्टेनो पुष्पेन्द्र शर्मा, रक्षित निरीक्षक रामप्रसाद पैकरा, थाना प्रभारी अनूप एक्का, सुनील तिवारी, तेजनाथ सिंह, दीपक भारद्वाज, रूंगटूराम, डी.पी.साहू, रामेन्द्र सिंह, प्रदुम्मन तिवारी, सी.आर.राजवाड़े, गणेश यादव, अजरूद्दीन, विरेन्द्र कंवर, निरीक्षक जयराम मण्डावी, डीएसबी प्रभारी शिवराम कुंजाम, शिकायत शाखा प्रभारी अमिताभ, रीडर जान प्रदीप लकड़ा, डीसीबी शाखा प्रभारी एस.पी.खाखा, क्राईम ब्रांच प्रभारी सी.पी.तिवारी, यातयात प्रभारी सूरजन राम राजवाड़े, चौकी प्रभारी राजेश तिवारी, बृजनाथ साय पैकरा, कपिलदेव पाण्डेय, रामनरेश गुप्ता, राजाराम राठिया, प्रदीप चन्द्राकर, एवं रामनरेश गुप्ता उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।