बुधवार, 13 अगस्त 2025

सूरजपुर पुलिस ने जिन्दगी को हॉ और नशे को ना कहने 8322 ई-प्रतिज्ञा (शपथ) कराया डाउनलोड। नशे से बचाव व जागरूकता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी व कर्मचारी किए गए सम्मानित।

 

सूरजपुर। जिले की पुलिस ने नशा मुक्त भारत पखवाड़ा अभियान के तहत 8322 ई-प्रतिज्ञा (शपथ) प्रमाण पत्र डाउनलोड कराया है। नशे से बचाव, जागरूकता एवं ई-प्रतिज्ञा डाउनलोड कराने के अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।
              डीआईजी व एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के मार्गदर्शन में दिनांक 12 से 26 जून 2025 तक नशा मुक्त भारत पखवाड़ा अभियान के अन्तर्गत जिले के थाना-चौकी की पुलिस के द्वारा व्यापक अभियान चलाकर नशा रूपी बुराई से बचने और जिन्दगी को हॉ और नशे को ना कहने 8322 लोगों से ई-प्रतिज्ञा (शपथ) प्रमाण पत्र डाउनलोड कराया है। इस अभियान में जिला प्रशासन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अभियान में स्कूल-कालेजों, हाट-बाजारों, एसईसीएल कार्यालय, खदान, औद्योगिक संस्थान तथा विभिन्न आयोजनों के माध्यम से छात्र, नागरिकगण, शासकीय सेवकों, मजदूरों व वाहन चालकों को नशे से बचाव की जानकारी देते हुए ई-प्रतिज्ञा (शपथ) डाउनलोड कराया गया है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें ई-शपथ के माध्यम से नशे के विरुद्ध संकल्पबद्ध करना था।

सम्मानित हुए पुलिस अधिकारी-कर्मचारी। नशे से बचाव एवं जागरूकता के इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए उत्कृष्ट कार्य पर डीआईजी व एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने निरीक्षक जावेद मियांदाद, थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, थाना प्रभारी प्रतापपुर अमित कौशिक, थाना प्रभारी रामानुजनगर राजेन्द्र साहू, थाना प्रभारी झिलमिली नसीमुद्दीन, थाना प्रभारी भटगांव सरफराज फिरदौसी, थाना प्रभारी रमकोला हीरालाल साहू, यातायात प्रभारी बृजकिशोर पाण्डेय, चौकी प्रभारी चेन्द्रा लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता, चौकी प्रभारी तारा संजय गोस्वामी, चौकी प्रभारी लटोरी अरूण गुप्ता, चौकी प्रभारी रेवटी कृष्णा सिंह, चौकी प्रभारी मोहरसोप कमलेश पाठक, चौकी प्रभारी सलका बिसुनदेव पैंकरा, चौकी प्रभारी करंजी संतोष सिंह, आरक्षक उदयनाथ सिंह एवं सोहेल राजा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।