बुधवार, 13 अगस्त 2025

सूरजपुर पुलिस का साइबर कॉप अभियान। लालच से दूरी बनाने पर साइबर अपराध से बचाव संभव, साइबर अपराध होने पर साइबर हेल्प लाईन नंबर 1930 व स्थानीय पुलिस से करें सम्पर्क।

 

सूरजपुर। डीआईजी व एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देशन में साइबर सुरक्षा और ऑनलाईन धोखाधड़ी जोखिमों को कम करने के लिए सूरजपुर पुलिस के द्वारा साइबर कॉप अभियान के तहत जन जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत जिले थाना चौकी की पुलिस के द्वारा व्यापक रूप से साइबर अपराध एवं सुरक्षा से जुड़े पहलुओं के बारे में जन जागरूकता के आयोजन कर रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के मार्गदर्शन में मंगलवार 22 जुलाई 2025 को चौकी खड़गवां पुलिस के द्वारा हायर सेकेण्डरी स्कूल पंपापुर के स्कूली बच्चों को साईबर अपराध से बचाव के लिए कई जरूरी बातों से अवगत कराया एवं उनके साइबर सुरक्षा से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। किसी प्रकार के साइबर फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड होने की स्थिति में साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 एवं स्थानीय पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराने कहा और साइबर अपराधों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना है इस संबंध में विस्तार से समझाया गया।
               चौकी प्रभारी खड़गवां रघुवंश सिंह ने साइबर अपराधों से बचने के लिए छात्रों को कई महत्वपूर्ण उपाय बताते हुए कहा कि लालच से दूरी ही साइबर अपराध से बचाव का एक प्रमुख जरिया है। यदि व्यक्ति में लालच नहीं होगा तो वह किसी बहकावे में नहीं आएगां और साइबर अपराध व धोखाधड़ी से बचाव हो सकेगा। चौकी प्रभारी ने लेन-देन, सोशल मीडिया के लिए मजबूत पासवर्ड बनाने और नियमित पासवर्ड अपडेट करने, वाटसएप, टैक्स मैसेज, ईमेल में संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचने, अपनी व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन साझा करने से सावधान रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत पुलिस से करनी चाहिए। जिले की पुलिस के द्वारा साइबर अपराध से बचाव के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महत्वपूर्ण जानकारियों को समाहित कर ज्ञानवर्धक शॉट विडियों ‘‘सूरजपुर जिला पुलिस’’ के फेसबुक आईडी नियमित अपलोड किया जाता है जिसे देखकर अपने परिचित के लोगों से साझा कर साइबर अपराध को रोकने में सहयोग करने कहा। इस दौरान स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण एवं स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन साझा करने से बचें।
             चौकी प्रभारी ने कहा कि छात्रों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि घर का पता, फोन नंबर, और बैंक खाते की जानकारी को ऑनलाइन साझा करने से बचना चाहिए। इस जानकारी का उपयोग साइबर अपराधियों द्वारा आपकी ऑनलाईन साइबर फ्राड के लिए किया जा सकता है। यदि छात्रों को कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है, जैसे कि कोई अनजान व्यक्ति उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है या कोई वेबसाइट संदिग्ध लग रही है, तो उन्हें तुरंत अपने माता-पिता, शिक्षक या पुलिस को रिपोर्ट करनी चाहिए। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कई छात्रों के द्वारा साइबर अपराध एवं बचाव संबंधी अपने प्रश्न चौकी प्रभारी के समक्ष रखा जिसका चौकी प्रभारी ने जवाब देते हुए उसका समाधान बताया।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।