बुधवार, 13 अगस्त 2025

सूरजपुर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत 1 वर्ष पहले बिना बताए घर से निकले 11 वर्षीय बालक को किया दस्तयाब।

 

सूरजपुर। दिनांक 01 अगस्त 2024 को विश्रामपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक व्यक्ति ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसका ग्यारह वर्षीय पुत्र दिनांक 26.07.2024 के रात्रि में बिना बताये घर से कही चला गया जिसकी काफी खोजबीन करने पर भी वह नहीं मिला। सूचना पर थाना विश्रामपुर में गुम इंसान कायमी उपरान्त अपहरण की धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुमशुदा बालक-बालिकाओं के मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को गुमशुदा एवं अपहरण के मामले में हर संभव प्रयास कर नई तकनीक की मदद एवं छोटी-बड़ी सुराग हासिल कर अपहृत को दस्तयाब करने के निर्देश दिए है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी सूरजपुर अभिषेक पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना विश्रामपुर पुलिस के द्वारा अपहृत बालक की गंभीरतापूर्वक खोजबीन करने में लगी हुई थी इसी बीच जानकारी मिली कि अपहृत बालक अपने एक रिश्तेदार के यहां किसी कार्यक्रम में आया था और वहां से फौरन लौटने लगा, जाते-जाते अम्बिकापुर में रहने की बात बोल गया। पुलिस टीम ने प्राप्त सूचना के आधार पर अम्बिकापुर के होटल सहित अन्य व्यवसायियों को अपहृत बालक की फोटो शेयर कर जानकारी देने कहा गया। इसी बीच दिनांक 30.07.2025 को पुलिस टीम के द्वारा बालक को अम्बिकापुर से दस्तयाब किया गया। पूछताछ पर बालक ने बताया कि उसे घुमने का शौक है, घर से निकलने के बाद कुछ काम कर घुमते फिरते रहता था। दस्तयाब किए गए गुम बालक को विधिवत उसके परिजनों को सुपुर्द किया गया इस दौरान बालक के 2 भाई-बहन व परिजनों के चेहरे में खुशी की लहर देखी गई और उनके द्वारा सूरजपुर पुलिस के प्रति आभार जताया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर प्रकाश राठौर व उनकी टीम सक्रिय रही।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।