बुधवार, 18 दिसंबर 2024

महिला स्व सहायता समूह का अधिकारी बताकर 41 हजार रूपये की धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपियों को थाना चांदनी पुलिस ने गुना मध्यप्रदेश से किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। ग्राम नवगई चांदनी निवासी चन्द्रकला जायसवाल ने थाना चांदनी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि यह महामाया महिला स्व सहायता समूह में कार्य करती है, दिनांक 13.05.2024 को एक मोबाईल नंबर से इसे फोन आया और वह अपने को शिवराम यादव महिला स्व सहायता समूह का अधिकारी बोल रहा हॅू कहते हुए बोला कि तुम लोग समूह की एक्टिव महिला हो तुम लोगों को आगे बढ़ना है, पैसा डालो और पैसा कमाओ कहकर झांसे में लेकर फोन पे के माध्यम से तीन किस्तों में 41 हजार रूपये पैसा लेकर धोखाधड़ी करते हुए ऑनलाईन ठगी कर लिया है। प्रार्थियां की रिपोर्ट अपराध क्रमांक 47/24 धारा 420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
              वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने पुराने लंबित मामलों की समीक्षा कर त्वरित निराकरण करने की दिशा में आरोपियों की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी के मार्गदर्शन में थाना चांदनी की पुलिस आधुनिक तकनीक की मदद से आरोपियों को गुना मध्यप्रदेश में होने की पुष्टि के बाद विधिवत् रवाना होकर गुना जिला मध्यप्रदेश में दबिश देकर आरोपी शिवराम सिंह यादव पिता हटे सिंह यादव उम्र 45 वर्ष ग्राम अमरपुरा, थाना आरेन, जिला गुना मध्यप्रदेश एवं धनपाल पिता लीलम सिंह उम्र 19 वर्ष ग्राम झाझौन, थाना आरोन जिला गुना को पकड़ा। पूछताछ पर आरोपियों ने धोखाधड़ी को अंजाम देना स्वीकार किया जिन्हें गिरफ्तार किया गया है।
             इस घटना को अंजाम देने में एक अन्य आरोपी भी शामील है जिसके विरूद्ध थाना अरोन में 6 प्रकरण चोरी, अनाचार, धोखाधड़ी, जबरन वसूली, गंभीर आघात पहुंचाने की धमकी देकर जबरन वसूली करने का अपराध दर्ज है जो वर्तमान में जिला जेल गुना में निरूद्ध है, जिसकी विधिवत् अनुमति प्राप्त कर गिरफ्तारी किया जाना है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी चांदनी रूपेश कुंतल, एएसआई सुप्रियन टोप्पो, प्रधान आरक्षक पवन सिंह, इशित बेहरा, आरक्षक कुलदीप तिग्गा व आलोक सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।