शनिवार, 29 जून 2024

सोनवाही जंगल में स्कूटी सवार दो महिलाओं से लूट करने के मामले में फरार आरोपी को चौकी लटोरी पुलिस ने किया गिरफ्तार, पूर्व में 1 आरोपी हो चुका है गिरफ्तार।

 


सूरजपुर। दिनांक 28.03.24 को ग्राम गजाधरपुर निवासी कांती देवी ने चौकी लटोरी में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि 28 मार्च को अपनी लड़की के साथ स्कूटी से गांधीनगर अम्बिकापुर पकड़ा दुकान गए थे जहां से खरीददारी कर वापस घर गजाधरपुर आ रहे थे दोपहर में सोनवाही जंगल के पास पहुंचे थे कि इन लोगों के पीछे से दो अज्ञात व्यक्ति मोटर सायकल में आए और बोले कि रूको, तब डरकर यह रूक गए उसी दौरान दोनों व्यक्ति बोले कि झोला चेक कराओ क्या है इसमें कहते हुए झोला छीन लिए तथा झोला में रखा 2 नग पर्स जिसमें 4200 रूपये थे उसे छीनकर मोटर सायकल से दोनों अम्बिकापुर की ओर भाग गए, लड़की अम्बिकापुर की ओर सड़क पर स्कूटी से पीछा भी की जो दोनों भाग निकले। प्रार्थियां की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 392, 34 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना के दौरान पूर्व में आरोपी शहजोर अली उम्र 32 वर्ष निवासी ईरानी मोहल्ला अम्बिकापुर को लूट की रकम में से 1 हजार रूपये व घटना में प्रयुक्त मोटर सायकल सहित गिरफ्तार किया गया था। उसका साथी दीपक यादव घटना के बाद से ही फरार था।
      उप पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने फरार आरोपी की पतासाजी कर पकड़ने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर के मार्गदर्शन में फरार आरोपी की पतासाजी के दौरान शुक्रवार 10 मई 2024 को चौकी लटोरी पुलिस को सूचना मिली कि दीपक यादव को उसके घर के आसपास देखा गया है जिसके बाद पुलिस टीम ने घेराबंदी लगाकर आरोपी दीपक यादव पिता मथुरा यादव उम्र 26 वर्ष निवासी गंगापुर खुर्द, थाना गांधीनगर अम्बिकापुर को पकड़ा गया। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिनाख्त परेड कराई गई, जहां पीड़िता द्वारा आरोपी की पहचान की गई। पूछताछ पर आरोपी ने लूट की घटना को अपने साथी शहजोर के साथ मिलकर अंजाम देना स्वीकार किया जिसे गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी लटोरी अरविन्द प्रसाद व उनकी टीम सक्रिय रही।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।