शुक्रवार, 26 जनवरी 2024

जमीन फर्जीवाड़े मामले में थाना सूरजपुर पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। ग्राम डुमरिया निवासी सुक्रिन दास व 1 अन्य व्यक्ति ने थाना सूरजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इनके बाबा स्व. शिवा पिता मोहिता के हिस्से की जमीन जो कि ग्राम डुमरिया मुख्य मार्ग पर खसरा नंबर 356, 357/2 है जिसे  चचेरे भाई रामवृक्ष देवांगन के द्वारा रोजगार सहायक लोकनाथ, पंचायत सचिव पारस राजवाड़े व अन्य के साथ मिलकर मृतक शिवा जिसकी मृत्यु वर्ष 1989 में चिरमिरी के गोदरी पारा में हुई थी उसकी मृत्यु को फर्जी दस्तावेज मृत्यु प्रमाण पत्र, फर्जी वसीयतनामा तैयार कर कूटरचना कर पारस राजवाड़े, रामवृक्ष, लोकनाथ व अन्य के द्वारा वर्ष 2008 में मृतक शिवा की फर्जी वसीयत रामवृक्ष के पक्ष में निष्पादित कर वर्ष 2008 में ही वसीयतनामा बनवाकर एवं वर्ष 2008 में ही मृतक शिवा की मृत्यु होने का दस्तावेज तैयार करवाकर डुमरिया स्थित जमीन जिसकी बाजारू कीमत वर्तमान में एक करोड रुपए से ऊपर की है जिसे पंचायत सचिव पारस राजवाड़े के द्वारा अपने साले के नाम पर रजिस्ट्री करा दिया गया था। आरोपियों का कृत्य धारा सदर 420, 467, 468, 471, 120(बी) 34 भादसं. का अपराध घटित करना पाये जाने पर थाना सूरजपुर में आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 37/24 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
           मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री आई कल्याण एलिसेला ने प्रकरण के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। थाना सूरजपुर पुलिस के द्वारा प्रकरण में विवेचना करते हुए मुखबीर की सूचना पर दबिश देकर आरोपी रामवृक्ष देवांगन पिता स्व. सूरजनाथ देवांगन उम्र 65 वर्ष ग्राम डुमरिया, लोकनाथ राजवाड़े पिता हुलास राम उम्र 31 वर्ष ग्राम डुमरिया एवं पारसनाथ राजवाड़े पिता स्व. रूदन राम राजवाड़े उम्र 48 वर्ष निवासी मिश्रा गली सूरजपुर को पकड़ा। पूछताछ पर आरोपियों ने धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया है आरोपियों के निशानदेही पर फर्जी वसीयतनामा व फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जप्त कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में अन्य आरोपी फरार है जिनकी पतासाजी की जा रही है।
          कार्यवाही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शोभराज अग्रवाल, सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एएसआई अरूण गुप्ता, प्रधान आरक्षक मोहम्मद तालिब शेख, प्रधान आरक्षक इशित बेहतरा, जयप्रकाश तिवारी, आरक्षक लक्ष्मी नारायण मिर्रे सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।