बुधवार, 3 मई 2023

पीएसओ ड्यूटी में व्हीआईपी की सुरक्षा पर रखे पूरा फोकस, सुरक्षा के प्रति विशेष तौर पर रहें अलर्ट-पुलिस अधीक्षक सूरजपुर। सूरजपुर के पुलिस अधिकारी व जवानों को दी गई पीएसओ ड्यूटी की ट्रेनिंग

सूरजपुर। वीआईपी सुरक्षा के लिए सूरजपुर पुलिस के अधिकारी व जवानों को पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया गया ताकि व्हीआईपी सुरक्षा को ज्यादा चाक-चौबंद बनाया जा सके। व्हीआईपी सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) के निर्देश पर पुलिस लाईन में दिनांक 1 से 3 मई 2023 तक तीन दिवसीय पीएसओ ड्यूटी का प्रशिक्षण व्हीआईपी सिक्यूरिटी बटालियन रायपुर के एपीसी जयंत पाल ने दिया, प्रशिक्षण में थाना-चौकी के 55 पुलिस अधिकारी व जवान सम्मिलित हुए जिन्हें व्हीआईपी सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ खास टिप्स भी दिए गए और उन्हें हर स्थिति से निपटने के लिए पारंगत किया गया। पीएसओ का प्रशिक्षण पूर्ण गुणवत्ता के साथ कराए जाने को लेकर पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) ने भी कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए थे। बुधवार को प्रशिक्षण के समापन अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने पुलिस अधिकारी व जवानों को कहा कि व्हीआईपी सुरक्षा ड्यूटी हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, पीएसओ हर स्थिति में सुरक्षा पर ध्यान रखें और विशेष तौर पर अलर्ट रहें, व्हीआईपी-व्हीव्हीआईपी को उनके सुरक्षा पैमाने के अनुसार सुरक्षा उपलब्ध कराया जाता है, इनके आगमन पर सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो साथ ही आमजनता को भी किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि व्हीआईपी सुरक्षा ड्यूटी के दौरान सदैव चौकना रहे, सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करते हुए फुल प्रूफ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि व्हीआईपी ड्यूटी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था-घेरा कड़ा और मजबूत रखे, सुरक्षा में कोई चूक अथवा लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, सभी पूरे ऊर्जा के साथ पूरी तनमयता से कर्तव्यों का पालन करें। इस दौरान रक्षित निरीक्षक भूपेन्द्र कुर्रे, व्हीआईपी सिक्यूरिटी बटालियन के आरक्षक मुकेश साहू सहित प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारी व जवान मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।